- पानी निकासी व पेयजल की नहीं है कोई व्यवस्था
- बल्ली के सहारे दौड़ रहे बिजली के तार
- 2 हजार मकान इलाके में
- 20 हजार लोग इलाके में रहते हैं
- 4 हजार इलाके में हैं वोटर
LUCKNOW : सरोजनीनगर के द्वितीय वार्ड स्थित रूस्तम विहार, वधवाताल और आजादनगर में वर्षो से विकास का इंतजार है। यहां रहने वाले हजारों लोग बिजली विभाग, नगर निगम व जलकल विभाग की सुविधा से बेखबर हैं। यहां न तो पेयजल की व्यवस्था है और न ही पानी निकासी की। यही नहीं यहां बिजली के तारों का मकड़जाल इस कदर फैला है कि कभी बड़ा हादसा हो सकता है।
बांस बल्ली के सहारे बिजली के तार
रूस्तम विहार में लोगों ने बिजली का कनेक्शन तो लिया है, लेकिन घरों तक बिजली का तार पहुंचाने के लिए बांस बल्ली का सहारा ले रहे हैं। बिजली विभाग गलियों में पोल तक नहीं लगा सका। बल्ली पर तारों के झुंड के चलते मकड़जाल फैला है, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसके लिए स्थानी लोगों ने कई बार बिजली विभाग व सांसद से भी शिकायत की है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
वधवाताल में जलकुंभी की भरमार
वधवाताल इलाके में पुराना तालाब है। पानी निकासी की व्यवस्था न होने पर लोगों ने अपने घरों का पानी निकासी के लिए तालाब की ओर कर दिया है, लेकिन तालाब में जलकुंभी का संजाल होने के चलते वहां भी ओवर फ्लो है और पानी लोगों के घरों व रोड पर फैला हुआ है। कई बार शिकायत करने के बाद भी तालाब की सफाई नहीं कराई जा रही। तालाब के किनारे बैंच (लोगों के बैठने के लिए) लगाई गई थी वहां भी तलाब में डूब गई।
पैदल चलना नामुमकिन
इलाके की मेन रोड किसी तालाब से कम नहीं है। यहां पैदल चलना तो नामुमकिन है। वाहन से चलने में हर वक्त डर बना रहता है, कब कौन सा वाहन गड्ढे में न फंस जाए। रोड का कुछ पता नहीं। वर्षों से इलाके में न तो रोड बनी है और न नाली। यही नहीं नगर निगम की कॉलोनी होने के बाद भी यहां आज तक पानी का कनेक्शन नहीं हो सका। स्थानीय लोगों अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए नेता से लेकर अधिकारियों के चक्कर काट कर थक चुके हैं।
स्थानीय लोगों से बात-चीत
इलाके में बिजली के तारों का मकड़जाल फैला हुआ है। बिजली कनेक्शन तो मिल जाता है, लेकिन बिजली के तार घरों तक पहुंचाने के लिए बांस बल्ली का सहारा लेना पड़ता है।
- रेनू
इलाके में तीस साल से न तो रोड बनी और न ही पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था हो सकी। जलनिकासी न होने के चलते घरों से निकलने वाला पानी भी मुख्य मार्ग पर जलभराव में तब्दील हो जाता है।
- गजाधर मिश्रा
घर के बाहर कीचड़ व पानी हमेशा भरा रहता है। रिश्तेदार व मेहमान भी घर नहीं आना चाहते हैं। जैसे लगता है कि हम शहर में नहीं जंगल में रह रहे हैं। इससे अच्छी स्थिति तो गांव की है। कम से कम वहां नाली व रोड तो बनी है।
- सुकुन देवी
स्थानीय लोगों ने रोड, नाली व पेयजल के लिए सासंद कौशल किशोर, विधायक व मंत्री स्वाती सिंह, मेयर संयुक्ता भाटिया, पार्षद संतोष कुमारी के चौखट के दर्जनों बार चक्कर काटे, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन मिला। पिछले कई वर्षो से तकलीफ दूर नहीं हो सकी।
- अशोक ओझा
बिजली के तारों के मकड़जाल की शिकायत सांसद कौशल किशोर से की गई थी। उन्होंने बिजली विभाग को पत्र भी लिखा था, लेकिन बिजली विभाग के कानों में जू नहीं रेंग रही। बांस बल्ली पर बिजली के तारों का मकड़जाल फैला हुआ है, जिससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है।
-एसके शुक्ला
बारिश के दिनों में बच्चे न तो स्कूल जा सकते हैं और न ही बच्चे व बुजुर्ग घरों से बाहर निकल सकते हैं। न तो रोड है और न ही जलनिकासी की कोई व्यवस्था। ऐसे में लोगों के घरों से निकलने वाला पानी कहां जाए। रोड पर जल भराव हमेशा बना रहता है।
- विकास राय
रूस्तम विहार, वधवाताल व आजादनगर इलाके से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। शहर के पॉश इलाके से महज आधा किमी की दूरी पर बसी कॉलोनी में वर्षों से कोई काम नहीं कराया गया। चुनाव के समय बस नेता आते हैं और वादा करके चले जाते हैं।
-नशीम अली
इलाके में पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे रोड पर हर समय जल भराव रहता है। इसके अलावा कॉलोनी को इतने साल हो गए फिर भी पेयजल लाइन तक नहीं बिछाई जा सकी जबकि नगर निगम से सभी मकानों का हाउस टैक्स जाता है।
-जेपी सिंह