- ऊर्जा मंत्री ने पावर कारपोरेशन के निदेशक वाणिज्य को दिए निर्देश
-पांच किलोवाट तक के घरेलू कनेक्शन पर केवल एसेसमेंट की है व्यवस्था
LUCKNOW : बिजली उपभोक्ताओं के लिए बुधवार को एक राहत भरी खबर आई। अब उपभोक्ता घरेलू बिजली कनेक्शन से दुकान की बिजली जला सकेंगे और उनके खिलाफ कोई एफआईआर नहीं होगी। इस बाबत ऊर्जा मंत्री की ओर से पावर कारपोरेशन के निदेशक वाणिज्य को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अभी तक पांच किलोवाट तक के घरेलू कनेक्शन पर केवल एसेसमेंट की व्यवस्था है। ऊर्जा मंत्री ने कारपोरेशन की विजिलेंस विंग और अभियंताओं को अब ऐसा करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि पांच किलोवाट तक के घरेलू कनेक्शनों की ऐसी स्थिति पर केवल एसेसमेंट कर बिल वसूला जाएगा।
उपभोक्ता परिषद ने उठाया मामला
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बुधवार को शक्ति भवन में ऊर्जा मंत्री के सामने यह मामला उठाया था। उनका कहना था कि कानून में बदलाव के आठ साल बाद भी बिजली विभाग के कुछ अभियंता और विजिलेंस विंग के लोग गरीब और छोटे उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करने के लिए उन पर बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज करा रहे हैं। ऊर्जा मंत्री ने संशोधित कानून के परीक्षण के बाद पावर कारपोरेशन के निदेशक वाणिज्य को इस मामले को गंभीरता से लेने के साथ ही पांच किलोवाट तक के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को ऐसे मामलों में अनावश्यक परेशान न करने के निर्देश दिए हैं।
पहले था अपराध
विद्युत अधिनियम-2003 में पिछले दशक में हुए संशोधन के बाद विधा परिवर्तन को बिजली चोरी माना गया था। इससे वे सभी घरेलू उपभोक्ता बिजली चोरी के दायरे में आ गए थे, जिन्होंने अपने घर में बनी दुकान को घरेलू कनेक्शन से ही बिजली दे रखी थी। इसका बड़े पैमाने पर विरोध होने पर मामला केंद्र सरकार को भेजा गया था। विरोध को तर्कसंगत मानते हुए वर्ष 2009 में विद्युत वितरण संहिता 2005 में संशोधन कर नियामक आयोग ने कानून बनाया कि पांच किलोवाट तक के घरेलू कनेक्शनों का मीटर व मीटरिंग सिस्टम यदि दुरुस्त है और परिसर के आंशिक भाग में कोई दुकान या वाणिज्यिक उपभोग किया जा रहा है तो बिजली चोरी का मुकदमा न दर्ज करके उस पर विद्युत अधिनियम-2003 की धारा-126 के तहत एसेसमेंट की कार्रवाई की जाएगी।