-तेलीबाग के रिंग रोड पर बीती रात हुए दर्दनाक हादसे में मारे गए थे सात लोग
-एक घायल बच्चे ने मंगलवार को इलाज के दौरान दम तोड़ा
-निगोहां के उदयपुर गांव में पसरा मातम, नहीं जले चूल्हे
LUCKNOW: तेलीबाग एरिया में बीती रात हुए दर्दनाक सड़क हादसे में परिवार समेत मारे गए योगेंद्र तिवारी निकलने से पहले ग्रामीणों की बात पर चेत जाते तो शायद 8 जिंदगियों को मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सकता था। मंगलवार को निगोहां के उदयपुर गांव में पसरे मातम के बीच हर किसी की जुबां पर कोई बात थी तो वह बस यही कि योगेंद्र की जिद उनके साथ-साथ अन्य लोगों पर भी भारी पड़ गई। दरअसल, सोमवार दोपहर जिस वक्त योगेंद्र अपनी हॉन्डा अमेज कार से परिवार के साथ साले के तिलक समारोह में जाने के लिये निकले थे, घर के करीब ही उनकी कार अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई थी। यह देख ग्रामीणों ने इस घटना को अपशकुन मानकर उन्हें आगे न जाने की सलाह दी थी। पर, उन्होंने सलाह को नजरंदाज कर दिया और देररात यह वाक्या घटित हो गया।
यह थी घटना
निगोहां के उदयखेड़ा निवासी योगेंद्र तिवारी के साले पंकज दीक्षित का आलमबाग स्थित चंद्रा गेस्ट हाउस में तिलक समारोह आयोजित था। इसी में शामिल होने के लिये वे पत्नी रुचि, बेटी बेटी सुहानी (8), अन्नू (6), बेटा तनिष्क (10) व भतीजी शिवानी के अलावा अपने दोस्तों संजय सिंह, अनुपम के साथ अपनी हॉन्डा अमेज कार से निकले थे। देररात करीब 12.30 बजे वे वापस घर को लौट रहे थे। इसी दौरान तेलीबाग रिंग रोड स्थित रामभरोसे मैकूलाल कॉलेज के गेट नंबर 2 के सामने ट्रक को ओवरटेक करने के दौरान उनकी कार सामने से आ रही मारुति वैन से जा भिड़ी। हादसा इतना भयावह था कि अमेज कार पर सवार योगेंद्र, रुचि, सुहानी, अन्नू, संजय सिंह व अनुपम की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि, तनिष्क ने मंगलवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं, मारुति वैन सवार ड्राइवर इफ्तिखार ने सोमवार रात हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया था। वैन सवार हरीश, योगेश, रोहन, मन्नू, निरंकार, शुभम, विकास, ललित व सूरज गंभीर रूप से घायल हो गए थे। यह सभी पीजीआई के बिरुरा गांव में आयोजित शादी समारोह में शामिल होकर वापस काकोरी लौट रहे थे। मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को इलाज के लिये ट्रॉमा सेंटर भेजा था।
नहीं जले गांव के चूल्हे
मंगलवार तड़के जब गांव के लोगों को इस दर्दनाक हादसे की खबर मिली तो के जब गांव मे लोगो को पता चला की योगेन्द्र का परिवार सहित गांव के संजय व अनुपम तेलीबाग मे हुये सडक हादसे मारे गए हैं तो गांव में मातम पसर गया। जिसे जब पता चला वह आनन-फानन मृतकों के घर पहुंच गया। जबकि, कुछ ग्रामीण पोस्टमार्टम के बाद शव लेने के लिये मच्र्युरी जाने को निकल पड़े। आलम यह था कि गांव में किसी को भी विश्वास नहीं हो रहा था कि जिन लोगों को उन्होंने कुछ घंटे पहले देखा था वह अब इस दुनिया में नहीं रहे।
भाई के तिलक में जमकर झूमी थी रुचि
उदयपुर गांव निवासी सौरभ सिंह भी योगेंद्र के साले पंकज के तिलक समारोह में शामिल होने के लिये गए थे। सौरभ ने बताया कि समारोह में रुचि बेहद खुश दिख रही थी। भाई पंकज का तिलक चढ़ने के बाद वह उसे भी डीजे तक जबरदस्ती खींच लाई थीं और फिर वह भाई व अपनी बहनों के साथ डीजे पर जमकर थिरकी थीं।
बेहद मददगार स्वभाव के थ्ो योगेंद्र
योगेंद्र के घर जुटे ग्रामीणों ने बताया कि ट्रैवेल एजेंसी संचालित करने वाले योगेंद्र के पास तीन कार थीं। जब भी किसी ग्रामीण की तबियत खराब होती या फिर उसे अचानक कार की जरूरत आन पड़ती वह फौरन मदद को तैयार रहते। इमरजेंसी के लिये जब भी योगेंद्र ने कार भेजी, कभी भी किसी से रुपये नहीं लिये। उनकी इस आदत को याद कर वहां मौजूद हर शख्स गमगीन हो रहा था।