लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में रामलीला का मंचन अंतिम दौर में है। शनिवार को दशहरा के अवसर पर जगह-जगह रावण दहन का आयोजन किया जाएगा। इसबार कहीं 60 फीट तो कहीं 40 फीट का रावण दहन होगा। साथ ही अराजकता, कट्टरपंथ आदि बुराईयों के अंत की थीम पर दहन किया जाएगा। इस दौरान जोरदार आतिशबाजी का भी दौर चलेगा।

60 फुट रावण का होगा दहन

ऐशबाग श्री रामलीला कमेटी के अध्यक्ष हरिश्चंद्र अग्रवाल ने बताया कि इस साल रावण दहन की थीम दङ्क्षरदगी, अराजकता और कट्टरपंथ का रावण के साथ किया जाएगा। इस दौरान राज्यसभा सदस्य डॉ। दिनेश शर्मा और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक रात नौ बजे रावण का दहन करेंगे। इसबार करीब 60 फीट ऊंचे रावण का पुतला तैयार कराया गया है। दहन से पहले एक घंटे तक आतिशबाजी होगी।

राम-रावण युद्ध के बाद होगा दहन

श्रीरामचंद्र सांस्कृतिक कला एवं सामाजिक सेवा समिति की ओर से शनिवार को 45वां दशहरा मेला समारोह कानपुर रोड, एलडीए कालोनी स्थित जय जगत पार्क में किया जाएगा। समिति के अध्यक्ष अतुल तिवारी ने बताया कि मेले में राम-रावण युद्ध के बाद रावण के 45 फीट ऊंचे बने पुतले का दहन किया जाएगा। वहीं मुख्य अतिथि के तौर पर महापौर सुषमा खर्कवाल, सरोजनीनगर विधायक डॉ। राजेश्वर ङ्क्षसह, पूर्व मंत्री डॉ। महेंद्र ङ्क्षसह मौजूद रहेंगे। वहीं, गोमतीनगर के बड़ी जुगौली रेलवे क्राङ्क्षसग के पास रावण व कुंभकर्ण का पुतला जलाया जाएगा। कमेटी के अध्यक्ष अजय यादव ने बताया कि 40 फीट ऊंचे रावण और 35 फीट ऊंचे कुंभकर्ण का पुतला तैयार कराया गया है। जहां, रात आठ बजे आतिशबाजी के साथ दहन होगा।

आतिशबाजी मुकाबले के बाद जलेगा रावण

कानपुर रोड सेक्टर एच रामलीला समिति के अरङ्क्षवद मिश्रा ने बताया कि अध्यक्ष गोपालजी मिश्रा के संयोजन में रात नौ बजे रावण के 45 फीट और मेघनाद के 40 फीट रावण के पुतले का दहन होगा। दहन से पहले शाम 7:30 बजे से आतिशबाजी होगी। वहीं, डालीगंज के मौसमगंज रामलीला समिति के अध्यक्ष घनश्याम अग्रवाल ने बताया कि निर्देशक शिव कुमार के संयोजन में पहले श्रीराम-रावण युद्ध होगा। रावण के 30 फीट ऊंचे पुतले का दहन विधायक डॉ। नीरज बोरा करेंगे। इसके अलावा राजाजीपुरम के मिनी एलआइजी में ओंकारेश्वर मंदिर के पास 35 फीट के रावण, राजाजीपुरम के पीएनटी मैदान में 35 फीट के रावण और 30 फीट के कुंभकर्ण, खदरा रामलीला समिति की ओर से पक्कापुल के पास सझिया घाट पर शाम सात बजे, 20 फीट के रावण और सदर रामलीला मैदान में रात नौ बजे 45 फीट के रावण के पुतले का दहन किया जाएगा।

विजयदशमी का विजय मुहूर्त

आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि आश्विन शुक्ल दशमी को विजयदशमी या दशहरे के रूप में पर्व मनाया जाता है। इस दिन स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त होता है। कोई भी नया काम शुरू करना शुभ होता है। इस दिन विजय मुहूर्त में अस्त्र-शस्त्र पूजन का विधान है। मां दुर्गा भगवान श्रीराम की पूजा, अपराजिता पूजन और शमी पूजन किया जाता है। आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि शनिवार को दोपहर 2:03 बजे से दोपहर 2:49 बजे तक विजय मुहूर्त है। श्रवण नक्षत्र सुबह 5:25 बजे से शुरू होकर रविवार को सुबह 4:27 बजे समाप्त होगा।