लखनऊ (ब्यूरो)। नए परिसीमन के आधार पर कई वार्डों की आबादी पहले से ज्यादा हो गई है। नए इलाकों के शामिल होने के बाद क्षेत्रफल तो बढ़ा ही है साथ ही वोटर्स की संख्या में भी इजाफा हुआ है। आबादी के आधार पर बात करें तो महानगर वार्ड अब सबसे बड़ा और गोलागंज सबसे छोटे वार्ड के रूप में सामने आया है। कई अन्य वार्डों में भी आबादी पहले के मुकाबले डेढ़ गुना बढ़ गई है। जिससे साफ है कि इन वार्डों से खड़े होने वाले प्रत्याशियों के सामने हर एक वोटर तक पहुंचना चुनौती भरा काम होगा।

88 गांव शामिल हुए हैैं वार्डों में

नगर निगम सीमा में 88 गांव शामिल हुए हैैं। इन सभी गांवों को आधा दर्जन से अधिक वार्डों में समाहित किया गया है। इसमें गोमती नगर, महानगर, सरोजनी नगर इत्यादि शामिल हैैं। नए गांव शामिल होने से एक तरफ तो इन वार्डों का क्षेत्रफल बढ़ गया है, वहीं दूसरी तरफ आबादी भी बढ़ गई है। जिसका सीधा असर चुनावी परिणाम में देखने को मिलेगा। जो भी प्रत्याशी इन वार्डों से खड़े हो रहे हैैं, उनके सामने वोटर्स की संख्या अधिक है। अब इन बढ़े हुए वोटर्स की ओर से नए प्रत्याशियों का चयन किया जाएगा। जिससे साफ है कि सभी प्रत्याशियों की नजर बढ़े हुए क्षेत्र में आए वोटर्स पर रहेगी, जिससे उनका वोट बैैंक मजबूत हो सके और चुनावी मैदान में उनकी जीत का मार्ग प्रशस्त हो सके।

वार्ड आबादी (हजार में)

शारदा नगर सेकंड 28990

इब्राहिमपुर सेकंड 31004

लालजी टंडन 26255

कल्याण सिंह 24230

सरोजनी नगर प्रथम 29790

शहीद भगत सिंह सेकंड 27229

लाल बहादुर शास्त्री प्रथम 24857

सरोजनी नगर सेकंड 32180

न्यू हैदरगंज तृतीय 27590

मालवीय नगर 26222

ऐशबाग 24263

बालागंज प्रथम 27655

गोलागंज 23435

महानगर 33741

गुरुनानक नगर 29784

खरिका सेकंड 28252

जानकीपुरम प्रथम 29963

आलमनगर 32226

लालकुआं 24515

हिंद नगर 27854

शंकरपुरवा सेकंड 32161

पेपर मिल कॉलोनी 25287

मनकामेश्वर मंदिर 24846

फैजुल्लागंज तृतीय 28066

राजाजीपुरम 28391

नए परिसीमन से बदला समीकरण

कई प्रत्याशियों को पहले से उम्मीद थी कि इस बार भी उन्हें ही चुनावी टिकट मिलेगा और कई वार्डों में ऐसा देखने को भी मिला है। प्रत्याशियों को यह तो राहत मिल गई है कि उन्हें फिर से वार्ड में चुनावी मैदान में आने का मौका मिल रहा है लेकिन अब उनके सामने यह अग्निपरीक्षा है कि नए परिसीमन के बाद वार्ड का कुछ हिस्सा दूसरे वार्ड में चला गया है, ऐसे में उनका कोर वोट बैैंक कुछ कट गया है। जबकि दूसरे वार्ड के कई वोटर्स उनके वार्ड में आ गए हैैं। चूंकि ये वोटर्स सभी प्रत्याशियों के लिए नए हैैं, ऐसे में हर एक प्रत्याशी के लिए सभी वोटर्स को साथ लाना आसान काम नहीं होगा। जिससे साफ है कि जिन वार्डों का एरिया बढ़ा है और वहां पर नए वोटर्स की संख्या बढ़ी है, वहां पर प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी।

अब वोट बैैंक पर रहेगा फोकस

सोमवार से नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। ऐसे में अब सभी प्रत्याशियों की ओर से अपना वोट बैैंक मजबूत करने के लिए ताकत झोंकी जाएगी। कई वार्डों में कई ऐसे मजबूत प्रत्याशी भी उतर रहे हैैं, जिन्हें इस बार किसी पार्टी से टिकट नहीं मिला है और वो निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान में अपनी किस्मत अजमाते हुए नजर आएंगे और कहीं न कहीं पार्टी सिंबल से चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर भी मिलेगी। चूंकि अब नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, ऐसे में अब सभी प्रत्याशियों की ओर से वार्डों में अपना प्रचार-प्रसार तेज किया जाएगा। जिन प्रत्याशियों की ओर से नामांकन कराया जा चुका है, उनकी ओर से अब नाम वापसी संबंधी आवेदन नहीं किया जाएगा। सभी वार्डों से छह से अधिक प्रत्याशियों की ओर से पार्षद पद के लिए नामांकन कराया गया है।