- स्वयं सिद्ध मुहूर्त है अक्षय तृतीया, पंचाग देखने की जरूरत नहीं

LUCKNOW: नौ मई को अक्षय तृतीया है। ये वो दिन है, जिस दिन शुभ काम की शुरुआत के लिए पंचाग देखने की आवश्यकता ही नहीं है। शास्त्रों में अक्षय तृतीया को स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है। इस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। विवाह, स्वर्ण खरीदने, गृह प्रवेश, पदभार ग्रहण, वाहन क्रय और भूमि पूजन के साथ ही नया व्यापार शुरू करने के लिए यह सबसे उत्तम दिन है।

अखंड रहता है सौभाग्य

राजधानी के पंडितों और ज्योतिषाचार्यो की माने तो इस दिन जिनका परिणय-संस्कार होता है, उनका सौभाग्य अखंड रहता है। महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए भी इस दिन विशेष अनुष्ठान किया जाता है। हिन्दू धर्म गुरुओं के अनुसार अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। भगवान विष्णु के 24 अवतारों में भगवान परशुराम, नर-नारायण एवं हयग्रीव तीन अवतार अक्षय तृतीया के दिन ही धरा पर आए। प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बद्रीनारायण के पट भी अक्षय तृतीया को खुलते हैं।

वृष और सिंह लगन में खरीदारी उत्तम

पंडित प्रदीप तिवारी ने बताया कि नौ मई को सूर्योदय के साथ ही शाम 6.20 तक अक्षय तृतीया रहेगी। उन्होंने बताया कि वृष और सिंह लगन में सोने की खरीदारी के उत्तम होगी। इस लगन में जमीन भी खरीदी जा सकती है। वाहन खरीदने के लिए चर लगन का होना जरूरी है। ऐसे में मिथुन और कर्क लगन में वाहन खरीदे जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि देश में तीन लगन ऐसी होती हैं, जिनमें किसी भी शुभ काम के लिए विचारने की जरूरत नहीं है। उनमें से एक अक्षय तृतीया है। इस दिन किया जाने वाला कोई भी कार्य क्षय नहीं होता है। इसी के चलते लोग इस दिन धार्मिक अनुष्ठान भी कराते हैं। सोने के आभूषण भी घर से नष्ट ना हो, इस लिए लोग इस दिन ही सोना खरीदना श्रेयस्कर समझते हैं।

अस्त हैं शुक्र, इसलिए विवाह मुहूर्त नहीं

ज्योतिषाचार्य प्रवीण कुमार वाजपेयी ने बताया कि बैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया को अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है। इस बार नौ मई को अक्षय तृतीया है। यह स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। अक्षय तृतीया में लोग आभूषणों की खरीदारी के साथ ही विवाह, गृह प्रवेश और नया व्यापार शुरू करते हैं। लेकिन इस बार विवाह के लिए मुहूर्त नहीं बन रहा है। इसका कारण है कि बीते दो मई को शुक्र अस्त हो चुका है। विवाह के लिए गुरु और शुक्र दोनों का उदय रहना आवश्यक हैं। एक जुलाई शुक्र उदय होंगे। उसे बाद ही मांगलिक कार्यक्रम होंगे। एक जुलाई को सूर्योदय के बाद 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13 और 14 जुलाई को शादियां होने का मुहूर्त है। 15 जुलाई से देवशैयनी एकादशी आरम्भ होगा जो कि दस नवम्बर तक रहेगी।

ये है पूजा का शुभ मुहूर्त

अक्षय तृतीया आठ मई को शाम 5.51 से शुरू होकर नौ मई दोपहर 2.52 तक रहेगी। नौ मई के अक्षय तृतीया का पूजा मुहूर्त प्रात: 5.26 से दोपहर 12.02 तक श्रेष्ठ है। सोना चांदी वाहन खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त नौ मई दोपहर 2.52 तक शुभ है।

- शुभ मुहूर्त: सुबह से शाम 6.20 बजे तक

- आभूषणों की खरीदारी सभी राशियों के लिए फलदायी

- पूजन मुहुर्त: प्रात: 5.26 से दोपहर 12.02 तक