लखनऊ (ब्यूरो)। इस वर्ष कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथि रविवार समय 2:12 मिनट के बाद प्रारंभ हो रही है। रविवार का दिन स्वाती नक्षत्र रहेगी जो अत्यंत ही शुभ है। सायं काल में दीपोत्सव के साथ-साथ ही मां लक्ष्मी-गणेश व कुबेर आदि देवताओं की पूजन निष्ठा पूर्वक करना चाहिए। यह जानकारी ज्योतिषाचार्य पं। राकेश पांडेय ने दी।
ऐसे करें पूजन
आज के दिन भगवती महालक्ष्मी का उत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए पहले से ही घरों को साफ कर दीप आदि रोशनी से सजाकर घी के दीपकों से सजाना चाहिए। दीपावली के दिन दीपकोंं की पूजा का बहुत महत्व है। इसके लिए दो थाली में दीपकों को रखें। छह चतुर्मुख दीपक दोनों थाली में सजाएं, 31 छोटे दीपकों में तेल-बत्ती रखकर जला दें। इसके बाद जल, अक्षत, पुष्प, रोली, दूर्वा, चंदन, अबीर, गुलाल, हाथ में लेकर अर्पित करें धान का लावा अर्पित कर निम्न मंत्र दीपमालिकायै नम: पढ़ने के बाद धूप-दीप दिखाकर लक्ष्मी गणेश जी व कुबेर का उपरोक्त सामग्री आदि से पूजन कर भोग लगाकर आरती करें।
विद्यार्थी करें विशेष पूजन
लक्ष्मी व कुबेर को अपने पूजा स्थल के पास बैठकर श्रीसूक्त या कनकधारा स्त्रोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। विद्यार्थियों को चाहिए की आज के दिन रात्रि के समय में मां सरस्वती का ध्यान करते हुए सरस्वती की कृपा प्राप्ति को जरूर पढ़े व काले रंग की स्याही से लिखें।
गणेश-लक्ष्मी पूजन को शुभ मुहूर्त
- सर्वोत्तम मुहूर्त वृष लग्न 5:23 से 7:20 तक
- मध्य रात्रि सिंह लग्न 11:51 से 2:04 तक