लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू आने वाले हजारों मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। अब उनको इलाज के लिए कैश लेकर नहीं भटकना होगा। मरीज अब क्यूआर कोड स्कैन करके या फिर डेबिट और क्रेडिट कार्ड से डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे। जिससे उनका समय भी बचेगा और कैश की सुरक्षा की चिंता भी नहीं करनी पड़ेगी। संस्थान प्रशासन के अनुसार, मरीजों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह सुविधा सोमवार से शुरू की गई है।
डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे
केजीएमयू में 4 हजार से अधिक बेड हैं और यहां रोजाना पांच हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं। अभी तक मरीजों को इलाज के लिए फीस कैश में ही देनी पड़ती थी, जिसको लेकर कई बार समस्या आती है। तीमारदारों को भी बार-बार कैश निकालने के लिए परेशान होना पड़ता है। वहीं, कई बार पैसा चोरी या खो जाता है। जिससे उनकी परेशानी और बढ़ जाती है। इसी समस्या को देखते हुए मई 2023 से एक पायलट चरण के बाद और अस्पताल सूचना प्रबंधन प्रणाली, ई-अस्पताल, नई दिल्ली के साथ डिजिटल गेटवे के एकीकरण को निरंतर मजबूत करने के बाद, केजीएमयू अब पेटीएम, गूगल-पे के माध्यम से डिजिटल लेनदेन स्वीकार करने के लिए पूरी तरह तैयार है। भुगतान के लिए यूपीआई वॉलेट, सभी डेबिट और क्रेडिट कार्ड मान्य हैं।
यहां मिलेगी सुविधा
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ। सुधीर सिंह के मुताबिक, मुख्य पीआरओ बिल्डिंग, ट्रॉमा सेंटर, क्वीन मैरी अस्पताल, शताब्दी अस्पताल, यूरोलॉजी विभाग, पैथोलॉजी विभाग, आरएएलसी जैसे कुछ प्रमुख कैश कलेक्शन काउंटरों पर अब डिजिटल भुगतान का विकल्प उपलब्ध है। वहीं, कुछ ही दिनों में बाकी काउंटर भी इस सुविधा से लैस हो जाएंगे। यह सेवा नकद लेनदेन को कम करने और पारदर्शिता को मजबूत करने में मदद करेगी, जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।