LUCKNOW: विभूतिखंड के विभव खंड 2 में रहने वाले रिटायर जिला पशु चिकित्साधिकारी डॉ माधव प्रसाद तिवारी (75) और उनके बेटे पशु चिकित्सक डॉ गौरव तिवारी (45) के शरीर में अलग अलग तरह का जहर मिला है। यह खुलासा पोस्टमार्टम के बाद हुआ। डॉक्टरों के मुताबिक पिता के कुछ देर बाद बेटे की मौत हुई थी। दोनों का बिसरा सुरक्षित रखा गया है। जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। वहीं देर शाम को दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
पिता के शरीर में मिला सल्फास
इंस्पेक्टर विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक जिला पशु चिकित्साधिकारी के पद से रिटायर डॉ माधव तिवारी परिवार के साथ विभवखंड में रहते थे। उनका बड़ा बेटा गौरव भी पशु चिकित्सक था। जिसकी तैनाती रायबरेली में थी। शुक्रवार देर शाम को दोनों ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। शनिवार को दोनों के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। जिसमें पता चला कि रिटायर जिला पशु चिकित्साधिकारी के शरीर में सल्फास के अंश मिले। वहीं उनके बेटे गौरव के शरीर में दूसरे तरह का जहर मिला है। पोस्टमार्टम कर रहे चिकित्सकों ने दोनों का बिसरा सुरक्षित रखा है। जिसे पुलिस फॉरेंसिक जांच के लिए भेजेगी। पोस्टमार्टम में यह साफ हुआ कि पिता की बेटे से पहले मौत हो गई थी।
हाल में पड़ा था गौरव का शव
डॉ माधव तिवारी के दो बेटे व दो बेटियां हैं। सबसे बड़ी बेटी निष्ठा तिवारी, उसके बाद गौरव तिवारी, शालिनी और सबसे छोटा बेटा निशित जो दिल्ली में साफ्टवेयर इंजीनियर है। निष्ठा के पति आशीष के मुताबिक डॉ गौरव की पत्नी सुष्मिता गुरुवार को ही अपने इंदिरानगर स्थित मायके चली गई थी। वहीं उनकी सास शुभ्रा कुछ महीनों अलीगंज स्थित उनके आवास थी। जिनका स्पाइनल कार्ड का इलाज चल रहा है। निशित दिल्ली में था। शुक्रवार देर शाम को जब वह विभवखंड स्थित अपने ससुराल पहुंचे। वहां हॉल में डॉ गौरव का शव पड़ा था। वहीं कमरे में डॉ माधव पड़े थे। दोनों को एबुंलेंस से लोहिया अस्पताल लेकर गए। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों के मुताबिक गौरव को कोई संतान नहीं था। पुलिस के मुताबिक तीन पत्र मिले हैं। तीनों डॉ गौरव द्वारा लिखे गये हैं। इसकी पुष्टि के लिए तीनों पत्रों को जांच के लिए भेजा गया है।