लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए द्वारा गोमती नगर में अयप्पा मंदिर के पास विकसित किये जा रहे देव वन में बुधवार को मंडलायुक्त डॉ। रोशन जैकब की अध्यक्षता में पौधरोपण अभियान चलाया गया। इस दौरान वन क्षेत्र में नक्षत्र, नवग्रह, पंच पल्लव व पंचवटी वाटिका समेत विभिन्न प्रजाति के सुगंधित व औषधीय पौधों को भी लगाया गया।

पहले गंदगी का ढेर था

मंडलायुक्त ने एलडीए द्वारा देव वन में कराए गए विकास, सौंदर्यीकरण व हॉर्टीकल्चर के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पहले इस स्थान पर गंदगी व कूड़े का ढेर रहता था। इसके साथ ही यहां अराजकतत्वों का जमावड़ा लगता था, जिससे क्षेत्रवासियों में असुरक्षा की भावना उत्पन्न होती थी। अब देव वन तैयार होने से इस स्थान पर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो रहा है। कार्यक्रम के अंत में मंडलायुक्त ने देव वन तैयार करने वाले श्रमिकों व मालियों को उपहार देकर सम्मानित किया।

आठ एकड़ भूमि पर देव वन

एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने बताया कि गोमती नगर के विनीत खंड में अयप्पा मंदिर के पास ग्रीन बेल्ट की आठ एकड़ भूमि पर देव वन विकसित किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस पार्क में किये जा रहे सभी प्रकार के विकास एवं सौंदर्यीकरण के कार्यों की डिजाइन व डाइमेंशन वास्तु शास्त्र के आधार पर तैयार किये गये हैं। बुधवार को पौधरोपण अभियान के तहत यहां 12 राशि नक्षत्रों के प्रतीक स्वरूप अलग-अलग प्रजातियों के पौधे लगाकर नक्षत्र वाटिका तैयार की गई साथ ही बरगद, पीपल, अशोक, आंवला व बेल के पौधे लगाकर पंच वाटिका को स्वरूप दिया गया। इसके अलावा पार्क में क्लस्टर बनाकर औषधीय पौधे भी लगाये गये हैं।

ऐसे तैयार हुई नक्षत्र वाटिका

एलडीए वीसी ने नक्षत्र वाटिका के बारे में उदाहरण देते हुए बताया कि मेष राशि के तीन नक्षत्र अश्विनी, भरणी एवं कृतिका हैं। इसमें अश्विनी के लिए कुचीला, भरणी के लिए आंवला तथा कृतिका नक्षत्र के प्रतीक स्वरूप गूलर का पौधा लगाया गया है। इस तरह से नक्षत्र वाटिका में जामुन, खैर, शीशम, बांस, पीपल, नागकेश्वर, वट, पलाश, पाकड़, रीठा, बेल, अर्जुन, मैलश्री, चीड़, मदार, शमी, कदम, आम, नीम व महुआ आदि प्रजाति के पौधे रोपित किये गये हैं।

लाइब्रेरी व फूड कोर्ट भी बनेगा

वीसी ने बताया कि लोग आसानी से देव वन में भ्रमण कर सकें, इसके लिए पूरे क्षेत्र में तीन व पांच मीटर चौड़ाई में पाथ-वे बनाया गया है। इसके साथ ही पार्क के उत्तरी क्षेत्र के ढालान वाले हिस्से में वॉटर बॉडी (अमृत कुंड) का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा लाइब्रेरी, फूड कोर्ट, रेस्ट हॉल, किचन, स्टोर, टॉयलेट ब्लॉक व पार्किंग का निर्माण भी कराया जा रहा है।