लखनऊ (ब्यूरो)। चाइनीज मांझा जानलेवा होता है। यह बात जानते तो सब हैं, मानते भी हैं पर इसकी बिक्री के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते जबकि जुलाई 2017 में ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जानलेवा चाइनीज मांझे की बिक्री पर देश भर में प्रतिबंध लगाया था। खतरनाक मांझे से हर साल पशु-पक्षी और लोग बुरी तरह जख्मी हो जाते हैं। सरकार की तरफ से भी कई बार चाइनीज मांझे की रोकथाम के लिए शासन स्तर से निर्देश दिए गए। स्थानीय प्रशासन ने अभियान भी चलाए, लेकिन मांझे की वजह से जानलेवा हादसों के शिकार होने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। राजधानी में चाइनीज मांझे ने तीन दिन पहले एक युवक की जान ले ली थी।

चाइनीज मांझे ने छीनी ली परिवार की खुशियां

चौक इलाके में सात दिन पहले बाइक से जा रहे मूलरूप से हरदोई के रहने वाले सुधाकर (47) की गर्दन की नस चाइनीज मांझे से कट गई थी। सात दिन तक उनका केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चला, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। संडे को उन्होंने दम तोड़ दिया। सुधाकर आइसक्रीम फैक्ट्री में काम करते थे। वह कपूरथला इलाके में पत्नी रंजना और दो बेटों-सिद्धार्थ व आदित्य के साथ रहते थे। उनके भाई दिवाकर ने बताया कि 16 जून को सुधाकर बाइक से किसी काम से चौक गए थे। इसी दौरान बंधे के पास उनकी गर्दन में चीनी मांझा फंस गया था।

कई बार हादसों की वजह बना चाइनीज मांझा

22 नवंबर 2021

गौतमपल्ली के मार्टिनपुरवा इलाके में रहने वाले अजय कुमार जब अपनी बाइक से जियामऊ पुल के पास आ गए तभी वे आसमान में उड़ रही पतंग के चाइनीज मांझे की चपेट में आ गए। इस माझे से उनकी गर्दन में गहरा घाव हो गया। वो मौके पर ही गिर पड़े। आसपास के राहगीरों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया।

14 नवंबर 2020

गोमती नगर स्थित पिकप पुल पर मांझे की चपेट में आने से एक युवक की गर्दन कट गई थी। उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया।

20 नवंबर 2020

ऐशबाग पुल पर एक बाइक सवार एक युवक की मांझे से गर्दन कटी। इसके अलावा आलमनगर फ्लाईओवर पर पतंग के मांझे से जिम संचालक महेंद्र कुमार चौधरी का चेहरा कट गया था। हादसे के दौरान बाइक अनियंत्रित होने से वह गिर भी गए थे।

9 दिसंबर 2020

बाजारखाला क्षेत्र के हैदरगंज फ्लाईओवर पर मांझे की चपेट में आने से नेहरुनगर निवासी मोहित अग्रवाल के माथे पर कट लग गया। वह भी बाइक से थे और हादसे के दौरान अनियंत्रित होकर गिर।

9 नंबर 2020

कमल बाजपेई गोमतीनगर के शहीद पथ पर जा रहे थे। तभी चाइनीज मांझे से उनकी गर्दन कट गई। उन्होंने कई बार पुलिस कंट्रोल रूम के साथ 108 एम्बुलेंस को भी सहायता के लिए फोन लगाया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। जिसके बाद राहगीर व अपने परिवार की सहायता से वह अस्पताल पहुंचे।

'किलर' बन रहा चाइनीज मांझा

केवल लखनऊ ही नहीं बल्कि देश के कई शहरों में चाइनीज मांझा लोगों के लिए जानलेवा साबित हो चुका है। कुछ साल पहले दिल्ली में दो बच्चों की गर्दन चाइनीज मांझे में फंसने से मौत हो गई थी और करीब आधा दर्जन लोग घायल हुए थे। वहीं, मध्य प्रदेश के धार और गुजरात महिसागर जिले में सात व चार साल के दो बच्चे पिता के साथ बाइक से जा रहे थे। चाइनीज मांझा ïउनकी गर्दन में फंस गया और दोनों बच्चे की मौत हो गई।

बैन के बाद भी बिक रहा चाइनीज मांझा

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 2017 में चाइनीज मांझा पूरे देश में बैन कर दिया था। 2017 में जस्टिस स्वंतत्र कुमार की बेंच ने इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया था। उस समय वह एनजीटी के अध्यक्ष भी थे। एनजीटी एक्ट के सेक्शन 18 के तहत चाइनीज मांझा की बिक्री करने वाले पर कार्रवाई का निर्देश भी दिया गया था। इसके अलावा अगर चाइनीज मांझा से किसी की मौत होती है तो पीड़ित परिवार आईपीसी की धारा 304 और आईपीसी 304 ए के तहत अपराधिक केस भी दर्ज करा सकता है। घायल पीड़ित आईपीसी की धारा 307 के तहत भी केस दर्ज करा सकता है।

कौन-कौन से विभाग जिम्मेदार हैं

- जिला प्रशासन

- पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड

- नगर निगम

(ये बिक्री को लेकर सीधे कार्रवाई कर सकते हैं)

-पुलिस विभाग

(हादसा होने पर कार्रवाई के अलावा तीनों विभागों के समन्वय के आधार पर छापेमारी और कानूनी कार्रवाई हो सकती है)

क्या कहता है कानून

- एनजीटी के सेक्शन 18 के तहत चाइनीज मांझा की बिक्री करने वाले के खिलाफ कार्रवाई।

- आईपीसी 1860 की धारा 188 के अनुसार, अगर कोई सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है।

- चाइनीज मांझा की बिक्री करने वाले दुकानदारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 144 के तहत भी कार्रवाई।

- चाइनीज मांझा से घायल होने वाले पीड़ित आईपीसी की धारा 307 के तहत केस दर्ज करा सकते हैं।

- चाइनीज मांझा के चलते मौत होने पर आईपीसी की धारा 304 और 304 ए के तहत केस दर्ज करा सकते है।

- धारा 304 में 10 साल तक की सजा और धारा 304 ए में दो साल तक की सजा व जुर्माने का प्रावधान है।

चाइनीज मांझे से अगर कोई व्यक्ति घायल होकर कंप्लेन करता है तो एफआईआर दर्ज की जाती है। इसमें गैर इरादतन हत्या व हत्या के प्रयास तक की धारा में केस दर्ज करने का प्रावधान है। मार्केट में चाइनीज मांझे की बिक्री की कंप्लेन पर कई बार चेकिंग भी कराई जाती है।

-उपेंद्र कुमार अग्रवाल, जेसीपी लॉ एंड आर्डर

चाइनीज मांझे जैसे उत्पादों की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है। अगर कोई इनकी बिक्री कर रहा है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। इसकी रोकथाम के लिए बड़े लेवल पर चेकिंग अभियान भी चलाया जाएगा।

सूर्यपाल गंगवार, डीएम