लखनऊ (ब्यूरो)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने चाइनीज मांझा को पूरे देश में बैन किया हुआ है। इसके बाद भी हर साल पशु पक्षियों समेत दर्जनों लोग इसकी वजह से घायल हो जाते हैं। एक माह पहले राजधानी में मांझे से एक युवक की मौत भी हो गई थी। दो दिन पहले हुसैनगंज चौराहे से नाका जाने वाले फ्लाईओवर पर बाइक से जा रहे सैफ नाम के युवक की मांझे से गर्दन कट गई थी। पुलिस ने युवक को सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया था। डाक्टरों ने बताया उसकी गर्दन में सात टांके लगाए गए हैं। चाइनीज मांझा जानलेवा होता है, जानते तो सब हैं, मानते भी हैं, पर उसकी बिक्री पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।

किलर बन रहा चाइनीज मांझा

केवल लखनऊ ही नहीं बल्कि देश के कई शहरों में चाइनीज मांझा किलर बन रहा है। कुछ साल पहले दिल्ली में दो बच्चे की गर्दन चाइनीज मांझा में फंसने से मौत हो गई थी। 16 जून को लखनऊ के चौक इलाके में ड्यूटी जाते समय मांझे से गर्दन कटने के चलते युवक घायल हुआ और सात दिन बाद हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं, मध्य प्रदेश के धार और गुजरात महिसागर जिले में सात व चार साल के दो बच्चे पिता के साथ बाइक से जा रहे थे। चाइनीज मांझा उनकी गर्दन में फंस गया और उससे दोनों बच्चे की मौत हो गई थी।

बैन के बावजूद बिक रहा चाइनीज मांझा

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 2017 को चाइनीज मांझा पूरे देश में बैन कर दिया था। 2017 में जस्टिस स्वंतत्र कुमार की बेंच में इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया था। उस समय वह एनजीटी के अध्यक्ष भी थे। एनजीटी एक्ट के सेक्शन 18 के तहत चाइनीज मांझा की बिक्री करने वाले पर कार्रवाई का निर्देश भी दिया गया था। इसके अलावा अगर चाइनीज मांझा से किसी की मौत होती है तो पीड़ित परिवार बीएनएस की धारा 105 के तहत अपराधिक केस भी दर्ज करा सकता है। घायल पीड़ित बीएनएस की धारा 109 के तहत भी केस दर्ज करा सकता है।

कौन-कौन से विभाग जिम्मेदार हैं

-जिला प्रशासन

-पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड

-नगर निगम

(बिक्री को लेकर ये तीनों विभाग कर सकते हैं सीधी कार्रवाई)

पुलिस विभाग

हादसा होने पर कार्रवाई के अलावा तीनों विभागों के समन्वय के आधार पर छापेमारी और कानूनी कार्रवाई कर सकती है।

क्या कहता है कानून

-एनजीटी के सेक्शन 18 के तहत चाइनीज मांझा की बिक्री करने वाले के खिलाफ कार्रवाई।

-एनजीटी की धारा 188 के अनुसार, अगर कोई सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है।

-चाइनीज मांझा की बिक्री करने वाले दुकानदारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 144 के तहत भी कार्रवाई।

-चाइनीज मांझा से घायल होने वाले पीड़ित बीएनएस की धारा 109 के तहत केस दर्ज करा सकते हैं।

-चाइनीज मांझा के चलते मौत होने पर बीएनएस की धारा 105 के तहत केस दर्ज करा सकते हैं।

-बीएनएस में 10 साल तक की सजा व जुर्माने का प्रावधान है।

चाइनीज मांझे से हुई थी राजधानी में मौत

चौक इलाके में 16 जून को बाइक से जा रहे मूलरूप से हरदोई के रहने वाले सुधाकर (47) की गर्दन की नस चाइनीज मांझे से कट गई थी। सात दिन तक उनका केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चला, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। सुधाकर आइसक्रीम फैक्ट्री में काम करता था। वह कपूरथला इलाके में पत्नी रंजना और दो बेटों-सिद्धार्थ व आदित्य के साथ रहता था।