लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल के पहले विस्तार के बाद सरकार में महिलाओं की भागीदारी घट गई है। मंगलवार रात जहां दो महिला मंत्रियों ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया वहीं, बुधवार को हुए विस्तार में दो महिला मंत्रियों की एंट्री हो गई। जबकि, सांसद चुने जाने के बाद मंत्री पद छोड़ने वाली डॉ। रीता बहुगुणा जोशी की जगह किसी महिला मंत्री को शामिल नहीं किया गया। दो महिला मंत्रियों के बाद टीम योगी में महिलाओं की संख्या पांच से घटकर चार हो गई है। वहीं, विस्तार में इस बार युवाओं को खासी तरजीह मिली है। जहां डॉ। महेंद्र सिंह, अनिल राजभर जैसे नेताओं का कद बढ़ाया गया वहीं, रविंद्र जायसवाल, अजित सिंह पाल, नीलिमा कटियार, रमाशंकर सिंह पटेल को मौका दिया गया है।
मिली थी अहम विभागों की जिम्मेदारी
तीन महिलाओं को विभिन्न कारणों से जहां मंत्रिमंडल छोड़ना पड़ा, जबकि दो महिलाओं को ही जगह दी गई है। योगी सरकार में पांच महिलाओं को मंत्री बनाया गया था। डॉ.रीता बहुगुणा जोशी ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली थी। उन्हें महिला कल्याण और पर्यटन जैसे विभाग सौंपे गए थे। वहीं अनुपमा जायसवाल और स्वाती सिंह को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का दर्जा दिया गया था। अनुपमा को बेसिक शिक्षा और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभागों का जिम्मा सौंपा गया था जबकि स्वाती के पास एनआरआई, कृषि निर्यात व विपणन जैसे महकमों का दायित्व है। इनके अलावा अर्चना पांडेय और गुलाब देवी को राज्य मंत्री बनाया गया था। अर्चना पांडेय को भूतत्व एवं खनिकर्म और गुलाब देवी को समाज कल्याण विभाग के राज्य मंत्री का ओहदा दिया गया था।
जमीनी नेताओं को मिला मौका
मंत्रिमंडल विस्तार में दो नए महिला चेहरों को शामिल किया गया है। यह दोनों ही महिला मंत्री बीजेपी की जमीनी नेता मानी जाती हैं। कानपुर के घाटमपुर क्षेत्र की विधायक कमल रानी वरुण ने जहां कैबिनेट मंत्री की शपथ ली, वहीं इसी जिले की कल्याणपुर सीट से विधायक नीलिमा कटियार को राज्य मंत्री बनाया गया। योगी सरकार में पहले एक कैबिनेट मंत्री, दो राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और दो राज्य मंत्री महिलाएं थीं। अब एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के अलावा राज्य मंत्री के पद पर दो महिलाएं हैं।
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