लखनऊ (ब्यूरो)। सरकारी योजना और घोषणा की आड़ में अक्सर साइबर क्रिमिनल्स लोगों को ठगी का शिकार बनाते रहते हैं। एक बार फिर जालसाजों द्वारा ऐसा ही खेल खेला जा रहा है। दरअसल, इन दिनों केंद्र सरकार की तरफ से पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने का प्रोसेस चल रहा है। इसके लिए पहले 31 मार्च और अब 30 जून आखिरी तारीख तय की गई है। हालांकि, इस दौरान एक हजार रुपए जुर्माना देना पड़ेगा। ऐसे में अब साइबर अपराधियों द्वारा लोगों को जुर्माने से बचाने का लालच देकर ठगा जा रहा है।

लिंक पर किया क्लिक, 95 हजार उड़े

महानगर में रहने वाली सीमा मौर्या को पैन कार्ड आधार से लिंक करने के लिए एक अनजान नंबर से लिंक आया। सीमा को लगा कि यह लिंक आयकर विभाग की ओर से उन्हें भेजा गया है। ऐसे में उन्होंने तत्काल उस लिंक पर क्लिक कर दिया। लिंक पर क्लिक करते ही एक वेब पेज खुला जिसमें उन्होंने अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड और डेबिट कार्ड डिटेल भर दीं। इसके बाद जब उनके पास 95,651 रुपए कटने का मैसेज आया, तो उन्हें समझ आ गया किए वह साइबर फ्रॉड का शिकार हो गई हैं।

कॉल के दौरान ही लिंक कराने का झांसा

पारा में रहने वाले सुजीत दुबे के पास 2 अप्रैल को एक कॉल आई और उन्हें बताया गया कि वह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से बोल रहे हैं। सुजीत को कॉल करने वाले ने बताया किए सरकार ने पैन कार्ड को आधार से लिंक करने की तारीख बढ़ा दी है, ऐसे में 30 जून तक जुर्माने के साथ वह वेबसाइट पर जाकर लिंक कर सकते हैं। कॉल करने वाले ने कहा कि यदि वह जुर्माने से बचना चाहते हैं तो कॉल के दौरान ही उनका पैन कार्ड आधार से लिंक कर सकते हैं, क्योंकि इनकम टैक्स के अधिकारियों को ऐसा करने की छूट है। सुजीत जालसाज की बातों में आ गए और पैन कार्ड व आधार कार्ड देने के साथ ही उनके पास आए ओटीपी को भी उन्होंने कॉल करने वाले जालसाज को बता दिया। थोड़ी देर में ही उनके अकाउंट से 43,516 रुपए उड़ गए।

ऐसे बनाते हैं शिकार

साइबर एक्सपर्ट शिशिर यादव ने बताया कि पैन-आधार लिंक करने के नाम पर महज कुछ लोग ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों में सैकड़ों लोग साइबर जालसाजों के इस तरीके का शिकार हो रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट शशिकांत सिंह ने बताया कि जालसाज लोगों को इनकम टैक्स अधिकारी बन कर कॉल कर रहे हैं। ठग लोगों से कहते हैं कि आपका पैन आधार से लिंक करना है, इसके लिए एक कोड आएगा, वह शेयर करना होगा जिसके बाद निशुल्क पैन आधार से लिंक हो जाएगा। यह महज ओटीपी पाने का एक जरिया होता है। साइबर ठगों के पास आपके बैंक पासवर्ड होते हैं, ऐसे में जैसे ही आप ओटीपी बताएंगे, आपके खाते से पैसे उड़ जाएंगे।

रजिस्टर्ड साइट्स पर ही अपटेड कराएं

साइबर एक्सपर्ट शिशिर यादव ने बताया कि किसी भी तरह के दस्तावेज अटैच करने वाले लिंक को न क्लिक करें। इसके लिए रजिस्टर्ड साइट्स और एजेंट्स के जरिए ही रिकार्ड को अपडेट करवाएं। इसके अलावा किसी भी तरह का ओटीपी आने पर उसे शेयर न करें। फोन पर अपनी व्यक्तिगत डिटेल्स किसी से शेयर न करें। पैन कार्ड और आधार लिंक करने के लिए आप इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाकर चेक करें, यदि यह पहले से ही लिंक्ड है, तो आपको कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। अगर यह लिंक नहीं है तो इसको आप आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन लिंक कर सकते हैं।