- कपिल सिब्बल, शिवपाल यादव और जयंत चौधरी ने उठाये सवाल
LUCKNOW : नोट बंदी के बाद से विपक्षियों में मची हाय तौबा कम होने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को अलग-अलग नेताओं ने नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की। दिल्ली से लखनऊ पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद और वकील कपिल सिब्बल ने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस पार्टी आफिस में प्रेस कांफ्रेंस में कपिल सिब्बल ने नोटबंदी के कारण देश की अर्थव्यवस्था चरमराने का इल्जाम लगाया। कहा कि डॉलर की तुलना में रुपया न्यूनतम स्तर पर है। कई देशों में नोटबंदी हुई मगर किसी ने बैंकों में रखी नागरिकों की रकम निकालने पर रोक नहीं लगाई। धन निकासी पर रोक आपराधिक षड्यंत्र है।
'कड़वी दवा से चाहते हैं इलाज'
सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि कड़वी दवा उसे दी जाती है जो बीमार हो। अच्छे भले इंसान को दवा की जरूरत नहीं होती। प्रधानमंत्री ने कालाधन वालों को दवा पिलाने के बजाय बाकी सभी स्वस्थ लोगों को कड़वी दवा पिला दी है। प्रधानमंत्री के इस तरीके से देश की अर्थ व्यवस्था बिगड़ जाएगी और लोगों को नौकरियों के लाले पड़ने लगेंगे।
नोट की स्याही देखकर पड़ेगा वोट
राष्ट्रीय लोकदल के महासचिव जयंत चौधरी ने भी नोटबंदी लागू करने के तरीके पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी लागू करने के तरीके के खिलाफ दिल्ली के जतंर-मंतर पर पांच दिसंबर को प्रदर्शन किया जाएगा। चौधरी ने कहा कि नोटबंदी लागू करने के तरीके से परेशान जनता विधानसभा चुनाव में नोट बदलने के बदले उंगलियों पर लगाई गई स्याही को देखकर वोट करेगी।