लखनऊ (ब्यूरो)। शहर में जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा करने वालों पर कार्रवाई होती रहती है, लेकिन अब इसी क्रम एक बड़ा फैसला लिया गया है। अब ऐसे लोगों के खिलाफ गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, जिन पर बीते तीन सालों में अवैध रूप से जमीन कब्जा करने के दो या दो से अधिक मामले दर्ज हैं। इसे लेकर लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने शहर के अलग-अलग इलाकों से कुल 480 भूमाफियाओं को चिन्हित किया है।
सभी जोनों के डीसीपी को दिए आदेश
जेसीपी लॉ एंड आर्डर उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने सभी पांच जोन के डीसीपी को निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें उन लोगों के खिलाफ गुंडा एक्ट में कार्रवाई की बात कही गई है, जिनके खिलाफ दो या दो से अधिक जमीन कब्जा करने के मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा जमीन कब्जा करने के दौरान हंगामा करने वालों पर गैंगस्टर लगाने की बात कही गई है। कब्जा करने वालों को भूमाफिया घोषित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत शहर सभी पांचों जोन के डीसीपी थाना वाइज भूमाफियाओं को चिन्हित करना शुरू कर दिया है।
साढ़े 3 साल के खंगाले जा रहे रिकार्ड
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, जनवरी 2020 से लेकर अगस्त 2023 के बीच जिन लोगों पर जमीन कब्जा करने के दो या दो से अधिक केस दर्ज हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। इसके लिए 700 से अधिक पुरानी फाइलों की जांच की गई है। जिसमे से 480 लोगों को चिन्हित किया जा चुका है। अब पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के लिए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
इसलिए शुरू की गई कार्रवाई
पुलिस जांच में सामने आया कि शहर में बीते दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए, जहां जमीन पर कब्जा करने वालों पर मामूली कार्रवाई की गई। इसके बाद इन लोगों ने जमानत पर बाहर आकर दोबारा लोगों को धमकाने की कोशिश की। इन लोगों ने फिर से जमीनों पर कब्जा करना शुरू कर दिया। इसके बाद जेसीपी लॉ एंड आर्डर उपेंद्र अग्रवाल ने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
पूर्वी जोन में सबसे ज्यादा
पुलिस के मुताबिक, सभी जोनों के थानों के अंतर्गत भूमाफियाओं को चिन्हित किया जा रहा है। जिनमें पश्चिम, पूर्वी, मध्य, दक्षिणी और उत्तरी जोन शामिल हैं। आंकड़े बताते हैं कि इन सभी जोनों में पूर्वी जोन में सबसे अधिक कब्जेदारों की लिस्ट बनाई गई है। पुलिस अब इन सभी पर गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई कर शिकंजा कसने की तैयार कर रही है।
कई को जिला बदर करने की तैयारी
पुलिस ने अपनी लिस्ट में ऐसे कई लोगों के नाम शामिल किए हैं, जिनको जिला बदर किया जाएगा। बता दें कि इसमें जिले से छह महीने के लिए बाहर कर दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर अगर इस समय के अवधि पर अगर वह व्यक्ति जिला के बार्डर एरिया को पार कर अंदर आता है तो उसकी गिरफ्तारी कर उसे अधिकतम दो महीने के लिए जेल भेजा जाता है, उसकी जल्द जमानत भी नहीं होती है। जेल से वापस लौटने पर जिला बदर की अवधि को दोबारा पूरा करना पड़ता हैै।
एक नजर में यह भी जानें
- गुंडा एक्ट में पकड़े गए अपराधियों को आसानी से जमानत नहीं मिलती
- इस एक्ट में अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार होता है
- पेशेवर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए गुंडा एक्ट लगाया जाता है
- कमिश्नरेट में डीसीपी स्तर के अधिकारी के पास गुंडा एक्ट लगाने की पावर होती है
जिनके खिलाफ दो या दो से अधिक जमीन कब्जा करने के मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा जमीन कब्जा करने के दौरान बवाल करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। अबतक 480 लोगों को चिन्हित किया जा चुका है। इनके खिलाफ गैंगस्टर और गुंडा के तहत कार्रवाई की जा रही है।
अपर्णा रजत कौशिक, डीसीपी मध्य