बच्चे क्यों हो रहे कम संक्रमित
- बच्चों की इम्युनिटी पॉवर लगातार बढ़ती रहती है
- बच्चे इन दिनों घरों से ज्यादा बाहर नहीं निकल रहे हैं
- पैरेंट्स बच्चों की पहले से ज्यादा कर रहे हैं देखभाल
- बच्चों में बड़ों की तुलना में हेल्पर सेल होते हैं ज्यादा
- बच्चों की हीलिंग क्षमता बड़ों की तुलना में अधिक होती है
- बच्चों पर कोरोना संक्रमण के कम असर पर किए जा रहे हैं कई रिसर्च
- एक्सपर्ट्स के अनुसार बच्चों की इम्युनिटी पॉवर लगातार बढ़ती रहती है
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LUCKNOW: कोरोना वायरस का बच्चों पर कम असर हो रहा है, जिसे लेकर कई रिसर्च भी किए जा रहे हैं। ऐसे ही एक रिसर्च के अनुसार बच्चों की नाक में मौजूद एपिथिलियम टिशू में कोविड 19 रिसेप्टसर एसीई 2 की मात्रा बड़े लोगों के मुकाबले कम होती है। वहीं दूसरे रिसर्च के अनुसार बच्चों में इम्युनिटी पॉवर लगातार बढ़ती रहती है, जिससे वे कम संक्रमित हो रहे हैं। हालांकि इस विषय पर एक्सपर्ट का कहना है कि फिलहाल बच्चों के कम कोरोना संक्रमित होने का क्या कारण है, इसका ठोस कारण बताना मुश्किल है। इस पर अभी और रिसर्च की जरूरत है। पेश है अनुज टंडन की रिपोर्ट
हेल्पर सेल बच्चों को बचा रहे
केजीएमयू में ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ। तूलिका चंद्रा ने बताया कि वैसे तो बच्चों के बीमार होने के चांसेज ज्यादा होते हैं, लेकिन उनमें कोरोना संक्रमण कम देखा जा रहा है। इसके पीछे दो कारण हो सकते हैं। पहला तो बच्चे ज्यादा बाहर नहीं निकलते हैं और दूसरा यह कि पैरेंट्स उनका अब और भी ज्यादा ख्याल रख रहे हैं। एक कारण यह भी हो सकता है कि बड़ों के मुकाबले बच्चों में हेल्पर सेल ज्यादा होते हैं। बड़ों में जिसका रेशियो बड़ों में 1:4 होता है, वहीं बच्चों में इसका रेशियो 1:8 होता है। इसका मतलब है कि बच्चों में अगर एक किलर सेल है तो हेल्पर सेल हैं।
खून से ट्रांसमिशन नहीं होता
डॉ। चंद्रा ने बताया कि कोरोना वायरस का ट्रांसमिशन एयरोसेल से होता है, अभी यह ब्लड से ट्रांसमीट नहीं हो रहा है। शायद इसी कारण से गर्भ में पल रहे बच्चों में इसका खतरा कम है। हालांकि इस विषय पर भी अभी रिसर्च करने की जरूरत है।
हीलिंग क्षमता ज्यादा
लोहिया संस्थान के पीडियाट्रिक सर्जन डॉ। श्रीकेश सिंह के अनुसार कोरोना संक्रमण बच्चों में कम क्यों है, इसकी कोई निश्चित वजह अभी नहीं बताई जा सकती है। मेरे हिसाब से इसका एक बड़ा कारण यह है कि बच्चों में बीपी, शुगर आदि बीमारियां नहीं होती हैं और उनकी इम्युनिटी पॉवर भी अच्छी होती है। बच्चों में बड़ों की तुलना में हीलिंग क्षमता अधिक होना भी उनके कम संक्रमित होने का एक कारण हो सकता है।
दो तरह की रक्षा प्रणाली
डॉ। श्रीकेश ने बताया कि प्रतिरक्षा प्रणाली दो तरह की होती है। जिन्हें इन्नेरट इम्युनिटी और एडाप्टिव इम्युनिटी कहा जाता है। बच्चा इन्नेरट इम्युनिटी के साथ पैदा होता है। ये इम्युनिटी हानिकारक तत्वों से बच्चों की रक्षा करती है। वहीं एडाप्टिव इम्युनिटी शरीर को दोबारा भविष्य में बीमारियों से लड़ने में मदद करती है।
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किस तरह बढ़ाएं इम्युनिटी
डॉक्टर्स के अनुसार गर्भ में ही बच्चे की इम्युनिटी क्षमता विकसित होने लगती है।
- गर्भवती महिलाओं को पोषक तत्वों वाली डाइट लेनी चाहिए।
- जन्म के बाद बच्चे को ब्रेस्ट फीड कराने से बच्चे की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है।
- मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडी और व्हाइट ब्लड सेल्स उनकी इम्युनिटी को बढ़ाने का काम करते हैं।
- बच्चों में फल-सब्जी खाने की आदत डालें और उसे फिजिकल एक्सरसाइज कराते रहें।
- भरपूर नींद बच्चे को हेल्दी रखने की लिए जरूरी है।
कोट
बच्चे घरों के बाहर नहीं निकल रहे हैं और उनके खानपान का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उनके कम संक्रमित होने का एक बड़ा कारण यह भी हो सकता है। हालांकि इस पर अभी और रिसर्च की जरूरत है।
डॉ। तूलिका चंद्रा, एचओडी, ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग
बच्चों का इम्युनिटी सिस्टम अच्छा होता है और उनकी हीलिंग क्षमता भी बेहतर होती है। इन दोनों कारणों से बच्चों के संक्रमित होने की दर कम हो सकती है।
डॉ। श्रीकेश सिंह, लोहिया संस्थान