लखनऊ (ब्यूरो)। हम अक्सर सुनते हैं कि राजधानी में किसी महिला से छेड़छाड़, दुष्कर्म, अश्लील कमेंट, घूरने जैसी घटना हो गई। कई बार इस तरह की हरकतें शोहदों की तरफ से राह चलते लोगों के बीच भी की जाती हैं। इसके पीछे का कारण है ऑब्जेक्टिफिकेशन ऑफ अपोजिट जेेंडर है। दरअसल, बचपन से ही हम ऐसी मूवीज या एंटरटेनमेंट की वीडियो देखते हैं, जिससे हमारा माइंड लड़कियों के प्रति बिल्कुल चेंज हो जाता है। यही वजह है कि लड़कियों पर अश्लील फब्तियां, छेड़छाड़ या दुष्कर्म जैसी वारदात होना आम हो गया है।
महिलाओं के साथ अपराध
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की 'अनसेफ वूमेन' मुहिम में पुलिस की वर्किंग स्टाइल से लेकर महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सारे सवाल भी खड़े हो रहे हैं। पर एक सवाल यह भी है कि क्या इसमें सिर्फ पुलिसिंग में खामियां ही बड़ी वजह है या लोगों की गंदी सोच, जिसके चलते महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में लगातार इजाफा हो रहा है। समाज में छेड़छाड़ जैसी घटनाओं पर लड़कियां बहुत कम विरोध दर्ज करवाती हैं। अगर कोई अकेला लड़का हरकत करता है, तो लड़कियां उसको सबक सिखा देती है, लेकिन टोली बनाकर फबतियां कसने वालों के खिलाफ विरोध करने से पीछे हट जाती हैं। ऐसे लोगों का डटकर विरोध करना चाहिए।
समाज को जागरूक करना होगा
केजीएमयू के मनोविज्ञान विभाग के आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि आजकल लड़कियां पहले की अपेक्षा छेड़छाड़ जैसी घटनाओं का विरोध करने लगी हैं। अगर कोई गलत कहे, तो तुरंत उसे सबक सिखा सकती हैं। लड़कियों को स्वयं की रक्षा करनी चाहिए। इस समस्या के समाधान के लिए समाज में जागरूकता लानी चाहिए और कोई कानून नहीं तोड़ना चाहिए।
सामाज की बेरुखी भी जिम्मेदार
कई लड़कियां रोजाना बस से अप-डाउन करके अपने ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, मार्केट या फिर अन्य जगहों पर पहुंचती हैं। इस बीच कई बार लड़के उनपर अश्लील कमेंट या फिर छेड़खानी करते हैं। इन्हें सुधारने के बजाए युवतियों को सामाजिक तानों का भी सामना करना पड़ता है। इस कारण ही वे अपना विरोध दर्ज नहीं करवा पातीं। ऐसी स्थिति में हमें शरारती तत्वों का डटकर मुकाबला करना होगा। प्रशासन को भी महिला पुलिस की व्यवस्था करनी चाहिए, जो लड़कियों की सहायता करें।
अश्लील कमेंट करना, छेड़छाड़ या दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन इसमें सबसे बड़ा कारण युवाओं का माइंड है। ये वे लोग हैं जिन्हें खराब संस्कार मिले हैं। उनकी संगत भी हमेशा गलत रही है। इसके अलावा वीडियो, मूवीज का महत्वपूर्ण रोल रहता है, पर ऐसे युवा अगर कुछ बातों को ध्यान में रखें तो वे इस जंजाल से बाहर आ सकते हैं।
डॉ। देवाशीष शुक्ला, मनोरोग विशेषज्ञ, कैंसर संस्थान
बचपन से ही ऐसी मूवीज देखना, जिनमें दिखाया जाता है कि लड़का कुछ भी करे, उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इसका उनकी मानसिकता पर बुरा असर पड़ता है, इसलिए वे महिलाओं की रिस्पेक्ट नहीं करते और अश्लील कमेंट, छेड़खानी जैसी अपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं। अगर इससे बचना है कि अपने आसपास का वातारण हमें बेहतर करना होगा और अच्छे लोगों की संगत में रहना होगा।
डॉ। आदर्श त्रिपाठी, मनोरोग विशेषज्ञ, केजीएमयू
ये होते हैं मुख्य कारण
- अच्छे संस्कार न मिलना
- संगत बुरी होना
- गलत मूवीज और वीडियो देखना
- नशे की लत होना
- किसी का खौफ न होना
युवा अपने में ऐसे करें बदलाव
- अच्छे लोगों के साथ रहें
- अपने मन में अच्छे विचार लाएं
- अपने सामने हो रहे ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठाएं
महिलाएं भी न बैठें चुप
- तुरंत पुलिस और अपनों को सूचित करें
- आसपास के लोगों की मदद लें
- जिसमें सफर कर रहे हैं उस वाहन की फोटो खीचें