लखनऊ (ब्यूरो)। संजय गांधी पीजीआई में जल्द ही छात्र पीजी संग सुपर स्पेशियलिटी कोर्स भी कर सकेंगे। क्योंकि यहां एमबीबीएस के बाद छात्र यहां तीन विभागों में पीजी करने के साथ सुपर स्पेशिसलिटी का कंबाइंड कोर्स शुरू करने की तैयारी चल रही है यानि छात्र डीएम और एमडी कोर्स एक साथ कर सकेंगे। संस्थान को कोर्स शुरू करने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन से अनुमति के लिए भेजा गया है। ऐसे में संस्थान अधिक संख्या में एक्सपर्ट तैयार कर सकेगा।

इंटिग्रेटेड कोर्स का मिलेगा फायदा

संस्थान के सीवीटीएस व पीडियाट्रिक सर्जरी में एमसीएच और रेडियोलॉजी व ऑन्कोलॉजी में डीएम कोर्स शुरू किया जा रहा है। डीएम और एमसीएच करीब तीन साल का कोर्स होता है, जिसमें एमडी करने के बाद ही दाखिला मिलता है। वहीं, सुपर स्पेशियलिटी में दाखिले के लिए तैयारी और एग्जाम देना होता है। जिसकी वजह से कई बार डॉक्टर्स तैयारी बीच में ही छोड़ देते हैं। ऐसे में इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू होने से छात्र दोनों कोर्स में दाखिला लेते हुए 6 साल में कोर्स पूरा कर सकेंगे, जिससे उनका समय भी बचेगा। साथ ही एक जगह पर वो काम भी कर सकेगा। कई बार सीवीटीएस और पीडियाट्रिक सर्जरी में डॉक्टर जल्दी दाखिला नहीं लेते है। ऐसे में इंटिग्रेटेड कोर्स शुरू होनेे से इसका फायदा मिलेगा।

2-2 सीटें मिलने की उम्मीद

निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि इंटिग्रेटेड कोर्स शुरू होने से एमबीबीएस करने के बाद डॉक्टर इन कोर्स में प्रवेश ले सकेंगे। जिससे आगे चलकर उनको अलग से सुपर स्पेशियलिटी में दाखिले के लिए प्रयास नहीं करना होगा। साथ ही संस्थान में रहकर काम करने का भी लाभ मिलेगा। उम्मीद है कि सभी कोर्स में 2-2 सीटों को मान्यता मिल जाएगी। जिससे अधिक से अधिक एक्सपर्ट तैयार किए जा सकेंगे।

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हेपेटाइटिस एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या

वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के अवसर पर रविवार को संजय गांधी पीजीआई के हेपेटोलॉजी विभाग ने वायरल हेपेटाइटिस पर दो दिवसीय मास्टर क्लास का आयोजन किया। इस मौके पर निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि वायरल हेपेटाइटिस को 2030 तक तभी खत्म किया जा सकता है, अगर हम अपने युवा डॉक्टरों और प्रैक्टिसिंग चिकित्सकों को वायरल हेपेटाइटिस के महत्व के बारे में प्रशिक्षित कर सकें। वहीं, विभाग के हेड डॉ। अमित गोयल ने वायरल हेपेटाइटिस के निदान और प्रबंधन पर व्याख्यान दिया और पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया। संस्थान के डीन डॉ। शालीन कुमार ने जोर देकर कहा कि वायरल हेपेटाइटिस एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। वहीं, डॉ। अजय कुमार मिश्रा और डॉ। सुरेंद्र सिंह ने भी छात्रों को शिक्षित किया। इस दौरान केजीएमयू समेत अन्य अस्पताल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट ने संकाय के रूप में भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में लखनऊ और आसपास के कई जिलों के 150 से अधिक मेडिकल छात्रों और चिकित्सकों ने भाग लिया।