लखनऊ (ब्यूरो)। संजय गांधी पीजीआई में जल्द ही ड्रग मॉनिटरिंग से लेकर ड्रग ट्रायल तक का काम किया जाएगा। इसके लिए संस्थान में क्लीनिकल फार्माकोलॉजी की शुुरुआत होगी। जिसके तहत मल्टीपल मेडिकल संस्थानों को जोड़ा जा सकेगा। ऐसे में बढ़ती बीमारियों को लेकर नई और कारगर दवाओं को लाया जा सकेगा, जिसका फायदा मरीजों को इलाज में मिलेगा।
कई राज्यों से आते हैं मरीज
संजय गांधी पीजीआई में प्रदेश समेत देश के कई राज्यों से रोजाना हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं। जिसमें अधिकतर मरीज कैंसर, दिल की समस्या, पेट व आंतों की समस्या, न्यूरोलॉजिकल प्राब्लम से ग्रसित होते हैं, पर कई बीमारियों में दवाएं पुरानी ही चली आ रही हैं, जिसके कारण समय के साथ उनका असर भी कम होने लगता है। ऐसे में नई दवाओं का मार्केट में आना बेहद जरूरी है, ताकि गंभीर बीमारियों का सटीक इलाज किया जा सके।
ड्रग मॉनिटरिंग हो सकेगी
निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि बीमारियों के ट्रीटमेंट को लेकर लगातार शोध हो रहा है। खास तौर पर कैंसर, थैलेसिमिया, दिल की बीमारियों को लेकर लगातार नई दवाओं का ट्रायल किया जा रहा है। इसी को देखते हुए संस्थान में क्लीनिकल फार्माकोलॉजी विभाग खोलने की तैयारी चल रही है। जिसमें ड्रग मॉनिटरिंग का भी काम किया जाएगा, यानि इलाज के दौरान दी जानी वाली दवाओं का बीमारी पर कितना असर है, यह देखने में मदद मिल सकेगी, ताकि मरीजों को अच्छी दवाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
मल्टी सेंटर ड्रग ट्रायल हो सकेगा
निदेशक प्रो। धीमन के मुताबिक, इसके अलावा विभाग की मदद से ड्रग का क्लीनिकल ट्रायल भी किया जाएगा। जिसमें संस्थान द्वारा ट्रायल तो होगा ही। इसके अलावा, एम्स, पीजीआई, बीएचयू जैसे संस्थानों के साथ मिलकर भी मल्टी सेंटर ड्रग ट्रायल किया जा सकेगा, ताकि व्यापक स्तर पर ड्रग का ट्रायल किया जा सके।
जून तक शुरू हो जाएगा विभाग
निदेशक के मुताबिक, विभाग में मानकों के अनुसार करीब 8-10 फैकल्टी और स्टाफ की भर्ती की जायेगी। साथ ही विभाग को जून माह में शुरू करने की कवायद चल रही है, ताकि जल्द से जल्द ड्रग मॉनिटरिंग और ड्रग ट्रायल शुरू किया जा सके।
संस्थान में क्लीनिकल फार्माकोलॉजी विभाग खोला जाएगा, जिसके तहत ड्रग मॉनिटरिंग और ड्रग ट्रायल हो सकेगा, जिसका फायदा मरीजों के इलाज में मिलेगा।
-प्रो। आरके धीमन, निदेशक पीजीआई