- स्थापना के लिए ऐशबाग ईदगाह के सामने 5493.52 वर्ग मीटर नजूल भूमि आवंटित

- 45 करोड़ रुपये होगी लागत, प्रेक्षागृह व पुस्तकालय समेत कई सुविधाएं होंगी

LUCKNOW: सूबे की राजधानी में डा। भीमराव आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। कैबिनेट ने लखनऊ में ऐशबाग ईदगाह के सामने खाली पड़ी मौजा भदेवा की 5493.52 वर्ग मीटर नजूल भूमि को डा। आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना के लिए संस्कृति विभाग के पक्ष में कुछ शर्तों व प्रतिबंधों के तहत निश्शुल्क आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह भूमि सरकार के स्वामित्व में है। सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना पर 45.04 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

तीन एकड़ भूमि मांगी थी

संस्कृति विभाग की ओर से स्थापित किये जाने वाले डॉ। आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र में 750 व्यक्ति की क्षमता का प्रेक्षागृह, पुस्तकालय व शोध केंद्र, छायाचित्र दीर्घा व संग्रहालय, बैठकों व आख्यान के लिए बहूद्देशीय सभागार व कार्यालय का निर्माण किया जाएगा। डॉ.भीमराव आंबेडकर की मूर्ति की स्थापना व लैंडस्के¨पग, डॉरमेट्री, कैफेटेरिया, शौचालय, पार्किग व अन्य जनसुविधाएं विकसित की जाएंगी। संस्कृति विभाग ने डॉ। आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना के लिए लखनऊ में दो से तीन एकड़ भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था।

कैबिनेट के फैसले के अनुसार आवंटित नजूल भूमि का यदि निर्धारित प्रयोजन के अलावा कुछ अन्य उपयोग किया जाता है तो इसके लिए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन से फिर से अनुमति लेनी होगी। नजूल भूमि की आवश्यकता न होने या तीन वर्षों तक निर्धारित प्रयोजन के लिए उसका इस्तेमाल न होने पर उसे आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को वापस करना होगा। नजूल भूमि के आवंटन/हस्तांतरण को भविष्य में दृष्टांत नहीं माना जाएगा।

इसके अलावा, कैबिनेट की मंजूरी से विभिन्न विभागों को आवंटित/हस्तांतरितनजूल भूमि के संबंध में किसी प्रकार के संशोधन/परिवर्धन तथा भविष्य में विभिन्न विभागों को नजूल भूमि के आवंटन/हस्तांतरण के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किए जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई है।