लखनऊ (ब्यूरो)। छठ पर्व को लेकर नगर विकास विभाग की ओर से मिली गाइडलाइंस को फॉलो करते हुए नगर निगम की ओर से तैयारियां तेज कर दी गई हैैं। एक तरफ जहां सुरक्षा की दृष्टि से सभी छठ घाटों पर सीसीटीवी लगाए जाने का काम शुरू हो गया है, वहीं गोमती नदी से जलकुंभी भी हटाने का काम तेज कर दिया गया है। इसके साथ ही घाटों की तरफ आने वाले मार्गों पर प्रकाश व्यवस्था भी बेहतर की जा रही है ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
जीरो वेस्ट पर फोकस
निगम प्रशासन की ओर से जीरो वेस्ट पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए कई बिंदुओं पर कदम उठाए जा रहे हैैं। एक तरफ तो वेस्ट कलेक्शन के लिए अतिरिक्त टीमें लगाई जा रही हैैं, वहीं दूसरी तरफ डस्टबिन भी रखवाए जाएंगे ताकि श्रद्धालु इनमें आसानी से वेस्ट डाल सकें। आवारा जानवरों की धरपकड़ के लिए भी टीमें लगाई गई हैैं। इसकी जिम्मेदारी पशु कल्याण विभाग को दी गई है। विभाग की टीमें सुबह से लेकर रात तक एक्टिव रहेंगी और आवारा जानवरों की धरपकड़ करेंगी। पूजा सामग्री जल में प्रवाहित न हो, इसके लिए घाटों में अर्पण कलश बनाए जा रहे हैैं। छठ पूजा स्थलों व मार्गों पर मच्छरों, डेंगू से बचाव के लिए साफ -सफाई के साथ फॉगिंग कराए जाने के साथ ही चूने का छिड़काव भी हो रहा है।
जलकुंभी हटाने पर फोकस
नगर विकास मंत्री की ओर से मिले निर्देशों के बाद मां गोमा से जलकुंभी हटाए जाने का काम भी तेज कर दिया गया है। घाटों के आसपास गोमा के बड़े एरिया के कवर्ड कर दिया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं होगी। कोई गहरे पानी में न जाए, इसके लिए बेरीकेडिंग भी की जा रही है। जलपुलिस और गोताखोर भी तैनात किए जा रहे हैैं। श्रद्धालुओं के लिए घाटों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हेतु टैंकरों की व्यवस्था के साथ ही महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके लिए घाटों में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने का काम शुरू कर दिया गया है। मॉनिटरिंग के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम बनाया जा रहा है और सभी घाटों के आसपास पार्किंग की भी व्यवस्था कराई जा रही है। छठ घाटों और मार्गों में एलईडी लाइट, हाईमास्ट और झालर का प्रयोग कर प्रॉपर लाइटिंग की व्यवस्था हो रही है।
कंट्रोल रूम रहेगा एक्टिव
अगर छठ घाट पर किसी भी श्रद्धालु को नगर निगम या किसी अन्य व्यवस्था से जुड़ी कोई समस्या फेस करनी पड़ती है तो निगम कंट्रोल रूम की ओर से मदद की जाएगी। कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से सभी घाटों की मॉनीटरिंग की जाएगी। अगर कोई कंपलेन आती है तो प्राथमिकता के आधार पर उसका निस्तारण कराया जाएगा। पुलिस और ट्रैफिक विभाग भी घाटों के आसपास एक्टिव रहेगा, जिससे जाम की समस्या न उत्पन्न हो।