लखनऊ (ब्यूरो)। चैत्र नवरात्र को लेकर मां के भक्तों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। एक ओर देवी मंदिरों में साफ-सफाई और लाइटिंग का काम पूरा हो गया है। वहीं, घरों में कलश स्थापना और पूजा के लिए मार्केट में पूजन सामग्री की खरीदारी तेज हो गई है।
शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल के मुताबिक प्रतिपदा पर कलश स्थापना के दो मुहूर्त हैं। सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 11:24 से लेकर 12:36 के बीच का है। जो लोग अभिजित मुहूर्त में कलश स्थापना नहीं कर सकते हैं वे दोपहर 3:17 के बाद सूर्यास्त तक कर सकते है। कलश स्थापना के बाद मां भगवती का पूजन षोडशोपचार वा पञ्चोपचार कर दुर्गा सप्तशती का पाठ मंत्र का जप करें।
अश्व पर सवार होकर आएंगी मां
इस बार चत्र नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार से हो रही है। ऐसे में मां का आगमन अश्व यानि घोड़े पर होगा। मान्यता है कि मां अगर अश्व पर सवार होकर आती हैं तो प्राकृतिक आपदाएं आने की आशंका प्रबल होती है। हालांकि, मां का प्रस्थान गज पर होकर होगा, जोकि एक शुभ संकेत माना जाता है।
मंत्र का जाप करें
शांति के लिए भगवान शिव की उपासना श्रेयस्कर होगी। साथ ही साथ मां भगवती का ध्यान कर जयंती मंगला काली भद्र काली कपालिनी, दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते मंत्र का मानसिक जप करते रहें व दुर्गा सप्तशती का निष्ठा पूर्वक नित्य पाठ करें। जिससे संपूर्ण जनमानस का कल्याण होगा।
नौ दिन लगेंगे नौ भोग
चौक स्थित बड़ी कालीजी मंदिर के स्वामी हंसानंद के मुताबिक नवरात्र के अवसर पर मां का नौ दिन अलग-अलग श्रृंगार और भोग लगाया जाएगा। गुजरात से भजन गायक बुलाये गये हंै। गर्मी को देखते हुए भक्तों के लिए पेयजल और चाय की व्यवस्था होगी। वहीं, चौक के रानी कटरा स्थित संकठा देवी मंदिर में मां के नौ स्वरूप के दर्शन होंगे। रिद्धि गौड़ के मुताबिक मंदिर के आसपास कुछ ही कदमों पर बंदी माता, कुसुंभी माता, संतोषी माता आदि के भी मंदिर हैं।
चंद्रिका देवी में विशेष इंतजाम
बीकेटी स्थित चंद्रिका देवी मंदिर समिति के उपाध्यक्ष कृष्णपाल सिंह के अनुसार मंदिर में साफ-सफाई और रंगाई का काम पूरा हो चुका है। मां का रोज भव्य श्रृंगार होगा और प्रसाद वितरित किया जाएगा। मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते है इसलिए पीने की समुचित व्यवस्था की गई है। मंदिर के बाहर मेला लगता है।
अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन
चौपटिया स्थित संदोहन देवी मंदिर के अनूप वर्मा के मुताबिक नवरात्र के दौरान मां रोजाना अलग-अलग स्वरूप में दर्शन देने के साथ वाहन पर सवार होंगी। जिसमें सिंह, मयूर, कमल, गज आदि प्रमुख वाहन हैं। वहीं, छोटी कालीजी मंदिर, संतोषी माता मंदिर, दुर्गा मंदिर, 51 शक्तिपीठ मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भी विशेष व्यवस्था की गई है।
मां पहनेंगी सोने की मुंड माला
घसियारी मंडी स्थित कालीबाड़ी के प्रवक्ता डा। देवाशीष मुखर्जी के मुताबिक नवरात्रि के दौरान मां सोने से बनी मुंडमाला धारण करती हैं। साथ ही पुराने गहनों से ही मां का श्रृंगार किया जाता है। सुबह 5 बजे मंगला आरती के बाद मंदिर के पट खोले जाएंगे।
व्रत व पूजन सामग्री की खरीदारी तेज
व्रत और पूजन के सामान की दुकानें बाजारों में सज चुकी हैं। मंगलवार शाम से ही फलों और व्रत के सामान के रेट में भी उछाल आ गया है। सेब, केला, मौसमी, पपीता, चुनरी, माला आदि की डिमांड बढ़ गई है। पूजन सामग्री की कीमत में करीब 10-15 फीसद तक की तेजी आई है।
ऐसे करे मां शैलपुत्री की पूजा
सबसे पहले चौकी पर माता शैलपुत्री की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें। चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें। उसी चौकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका (16 देवी), सप्त घृत मातृका (सात सिंदूर की बिंदी) लगाएं की स्थापना भी करें। इसके बाद ओम शैल पुत्रैय नम: एकाक्षरी बीज मंत्र का जाप करे। देवी को सफेद पुष्प अर्पित करे। इनकी आराधना से शिव-शक्ति को बोध होता है और दांपत्य सुख प्राप्त होता है।
फल और पूजन सामग्री के रेट
सामग्री दाम प्रति रुपये किला
अनार 120 से 140
सेब 120 से 150
पपीता 50 से 60
संतरा 70 से 80
साबूदाना 80 से 100
कुट्टू का आटा 120 से 140
सिंघाड़े का आटा 140 से 150
मूंगफली 140 से शुरू
नारियल 40 से 60 प्रति नग
चुनरी 30 रुपये से शुरू
हवन सामग्री 50 से 200 रुपए पैकेट