लखनऊ (ब्यूरो)। निकाय चुनावों में मतदान के लिए अब करीब एक सप्ताह का ही समय बचा है। ऐसे में सभी प्रत्याशियों की ओर से अपना वोट बैैंक मजबूत करने के लिए ताकत झोंक दी गई है। कोई ई-रिक्शा से अपना प्रचार करवा रहा है तो कोई ऑटो से। कई प्रत्याशियों की ओर से सोशल मीडिया का सहारा लिया गया है और अपने समर्थन में अलग-अलग तरीके के स्लोगन चलाए जा रहे हैैं। वहीं कई प्रत्याशी तो अपने कार्यकाल की उपलब्धियां तक गिना रहे हैैं। कुल मिलाकर सभी प्रत्याशियों का यही प्रयास है कि अधिक से अधिक लोगों को अपने समर्थन में लाया जा सके और चुनावी मैदान में अपनी जीत सुनिश्चित की जा सके।
सोशल मीडिया का सहारा
ज्यादातर प्रत्याशियों की ओर से प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। ज्यादातर निर्दलीय प्रत्याशियों की ओर से सोशल मीडिया पर अपने समर्थन को लेकर कैंपेन फ्लो किया जा रहा है। उनकी ओर से जनता को विश्वास दिलाने का प्रयास किया जा रहा है कि अगर जीत उनकी होती है तो वह किस तरह से वार्ड का विकास कराएंगे। खास बात यह है कि उनके समर्थकों की ओर से ट्वीट या फेसबुक पोस्ट को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए कवायद की जा रही है।
एक दर्जन वार्डों में सीधी टक्कर
राजधानी के करीब एक दर्जन वार्ड ऐसे हैैं, जो प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों के साथ निर्दलीय प्रत्याशियों की सीधी टक्कर होगी। इसमें इंदिरानगर, इस्माइलगंज, पुराने लखनऊ के कुछ वार्ड शामिल हैैं। वर्तमान में जो प्रत्याशी निर्दलीय मैदान में उतरे हैैं, वो पिछले चुनाव में किसी न किसी पार्टी से पार्षद रहे हैैं। इस बार उनका टिकट कटा, इस वजह से उन्हें चुनावी मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरना पड़ रहा है।
समर्थन में दिग्गज भी उतरे मैदान में
कई वार्ड ऐसे हैैं, जहां पुराने दिग्गज पार्षद वर्तमान प्रत्याशियों के समर्थन में आ गए हैैं। इनमें से कई दिग्गज तो निर्दलीय पार्षदों का समर्थन कर रहे हैैं। जो पहली बार चुनाव लडऩे जा रहे हैैं, उनकी ओर से दिग्गजों की मदद से अपनी चुनावी रणनीति तैयार की गई है, जिससे वो चुनावी मैदान में दूसरे प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दे सकें। वहीं जो महिला पार्षद दूसरी या तीसरी बार चुनावी मैदान में हैैं, उनकी ओर से इस बार पूरा फोकस महिला सुरक्षा पर किया जा रहा है।
सुबह छह बजे से गूंजने लगती है आवाज
अब प्रत्याशियों के पास प्रचार के लिए बेहद कम समय बचा है। ऐसे में प्रत्याशियों की ओर से सुबह छह बजे से ही प्रचार शुरू कर दिया जा रहा है। ई-रिक्शा या अन्य चार पहिया गाडिय़ों में लगे भोंपू से निकलती प्रत्याशियों के नामों की आवाज वार्डों की गलियों में सुनाई देनी लगती है। यह क्रम रात करीब 10 बजे तक चलता है। वहीं, प्रत्याशियों की ओर से घर-घर जाकर अपनी उपलब्धियां और भविष्य की योजनाओं को गिनाने की कवायद भी की जा रही है।