95 हजार घरों में लगने थे मीटर
20 हजार घरों में ही लगे मीटर
75 हजार घरों में मीटर लगना बाकी
-घरों में मीटर लगाने के लिए जलनिगम ने की थी कवायद
- जनता का सहयोग न मिलने से मीटर लगाने की रफ्तार सुस्त
abhishekmishra@inext.co.in
LUCKNOW: जलनिगम की ओर से पानी बर्बादी रोकने के उद्देश्य घरों में पानी मीटर लगाने की योजना का खाका खींचा गया और इसे शुरू करते हुए घरों में मीटर लगाए गये, लेकिन गुजरते वक्त के साथ मीटर लगाने की कवायद सुस्त पड़ गई। इसकी वजह रही जनता का सहयोग न मिलना। आलम यह है कि जल निगम मीटर लगाना चाहता है, लेकिन जनता की ओर से कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा है। जलनिगम की ओर से शासन को इन सारी परिस्थितियों से अवगत करा दिया गया है।
लक्ष्य रखा गया 95 हजार
जल निगम से मिली जानकारी के अनुसार, महकमे की ओर से शहरभर में करीब 95 हजार घरों में पानी के मीटर लगाए जाने थे। वर्ष 2018 की शुरुआत में इंदिरानगर व गोमतीनगर में पानी मीटर लगाने की शुरुआत भी की गई। कवायद शुरू होते ही सिर्फ दस फीसदी पब्लिक ने ही पॉजिटिव रिस्पांस दिया। जैसे-जैसे दिन गुजरे, पानी मीटर लगाने को लेकर पब्लिक का विरोध बढ़ता गया। जिसके बाद धीरे-धीरे स्थिति खराब होती गई और अंतत: पानी के मीटर लगाने का काम लगभग बंद हो गया।
अभी तक लगे सिर्फ 20 हजार
जल निगम के आंकड़ों की मानें तो 95 हजार लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक सिर्फ बीस हजार घरों में ही पानी के मीटर लगे हैं। जनता का सहयोग न मिलने के कारण पानी मीटर के लक्ष्य को अभी तक हासिल नहीं किया जा सका है। जबकि जलनिगम की ओर से लक्ष्य हासिल करने का समय जून-जुलाई माह रखा गया था। अब यह वर्ष समाप्त होने को है, लेकिन पानी मीटर लगाने की दिशा में रफ्तार मंद सी पड़ चुकी है।
रूक सकती थी बर्बादी
अमूमन घरों में पानी की बर्बादी सबसे अधिक है। भूगर्भ जल विभाग के आंकड़ों से पहले ही साफ हो चुका है कि भूगर्भ जल का स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले सालों में जनता को पानी के लिए तरसना पड़ेगा। इन सब बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए ही जल निगम की ओर से पानी के मीटर लगाने संबंधी योजना तैयार की गई थी। निश्चित रूप से पानी के मीटर लगने के बाद न सिर्फ पानी की बर्बादी रुकती, बल्कि हर घर से बिल भी पानी की खपत के हिसाब से लिया जाता है। पानी के मीटर न लग पाने से पानी की बर्बादी भी नहीं रोकी जा सकती है।
इसलिए कर रहे विरोध
जल निगम के अधिकारियों की मानें तो जब टीम पानी के मीटर लगाने किसी के घर जाती है तो सबसे पहले भवन स्वामी यही पूछता है कि इसके पैसे लगेंगे क्या। जब उन्हें निशुल्क सुविधा के बारे में बताया जाता है तब वह साफ कह देते हैं कि उनके घर में सबमर्सिबल लगा हुआ है, मीटर की जरूरत नहीं है। चूंकि जल निगम के पास ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि किसी के घर में जबरदस्ती पानी का मीटर लगाया जाए तो ऐसी स्थिति में टीम को बैरंग लौटना पड़ता है।
वर्जन
जनता की ओर से सहयोग नहीं मिल रहा है। इसकी वजह से घरों में पानी मीटर लगने का काम लगभग बंद है। अगर कोई व्यक्ति घर में पानी का मीटर लगवाना चाहता है तो अभी यह सुविधा उपलब्ध है।
एके जिंदल, चीफ इंजीनियर, जलनिगम