लखनऊ (ब्यूरो)। केंद्र सरकार के बजट में हेल्थ सेक्टर के लिए 88,956 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जिसमें 157 नए नर्सिंग कॉलेज, आईसीएमआर में पीपीपी मॉडल पर रिसर्च, फार्मास्यूटिकल सेक्टर में रिसर्च आदि के प्रावधान किए गये हैं। वहीं, बजट को राजधानी के मेडिकल एक्सपर्ट भी काफी अच्छा बता रहे हैं। उनके मुताबिक, इससे मेडिकल सेक्टर को बूस्ट मिलने के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर और मैनपावर में भी इजाफा होगा।

157 नर्सिंग कॉलेज खोलने का कदम बहुत अच्छा है। जिस तरह डॉक्टर्स बनाने के लिए नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं, उसी तरह नर्सिंग कॉलेज भी खोले जाने चाहिए। इससे मैनपावर की कमी दूर होगी और हेल्थकेयर सिस्टम इंप्रूव होगा। मरीजों की बेहतर देखभाल में मदद मिलेगी। साथ ही, रिसर्च को बढ़ावा मिलने से मरीजों को सीधा फायदा होगा।

-प्रो। आरके धीमन, निदेशक, पीजीआई

सरकार ने हेल्थकेयर सेक्टर के बजट की अहमियत को समझा है। इसकी बढ़ोतरी बताती है कि सरकार को चिंता है कि हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की। इसके बिना हम रूरल एरिया में प्राइमरी व सेकेंड्री सेक्टर को डेवलप नहीं कर पाएंगे। बजट के प्रावधानों से इनको बूस्ट मिलेगा, जो एक तरह से गेम चेंजर होगा। आने वाले समय में इसका सीधा फायदा देखने को मिलेगा।

-डॉ। बिपिन पुरी, वीसी, केजीएमयू

इसबार का बजट हेल्थ सेक्टर को बूस्ट देगा। बजट में रिसर्च, नर्सिंग, पेशेंट केयर, इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया गया है। जिससे हेल्थ सेक्टर में पॉजिटिव सुधार होगा। नर्सिंग कॉलेज खोलने का फैसला बेहद शानदार है। साथ ही, कोरोना के बाद रिसर्च पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। देखकर अच्छा लगा कि सरकार इसपर भी गंभीरता से विचार कर रही है।

-डॉ। संजीव मिश्रा, वीसी, अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी

बीते साल के मुकाबले इसबार बजट में हेल्थ सेक्टर को ज्यादा हिस्सा दिया गया है। जब मेडिकल सेक्टर में सुविधा मिलेगी, तो मरीजों का भला होगा। एनीमिया देश में एक बड़ी समस्या है। इसकी रोकथाम बेहद जरूरी है। बजट में इसको लेकर की गई घोषणा बेहद अच्छी है।

-जेडी रावत, अध्यक्ष, आईएमए-लखनऊ