लखनऊ (ब्यूरो)। बहराइच में चल रहे 'ऑपरेशन भेड़िया' के तहत दो भेड़िए (एक नर और एक मादा) लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान लाए गए हैं। उनको यहां के अस्पताल में क्वारेंटाइन में रखा गया है। उनके पास डॉक्टर और कीपर के अलावा और किसी को जाने की अनुमति नहीं है। साथ ही उनपर कड़ी नजर भी रखी जा रही है। जू प्रशासन के मुताबिक, इतने कम समय में किसी भी जानवर के व्यवहार में कोई खास बदलाव नहीं होता है। हालांकि, समय पर खाना और एक बंद कमरे में रहने के कारण वे थोड़े शांत जरूर हैं। उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद ही उनको जंगल में दोबारा छोड़ा जाएगा।
दोनों क्वारेंटाइन में रखे गए
प्राणि उद्यान की डायरेक्टर अदिति शर्मा ने बताया कि दोनों भेड़ियों की उम्र का पता लगाना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि दोनों का जन्म जंगल में हुआ था। एक अंदाजे के अनुसार नर भेड़िया थोड़ा छोटा है, जबकि मादा भेड़िया थोड़ी बड़ी है। जब दोनों आये थे तो बेहद आक्रामक थे, जिसके चलते उनको क्वारेंटाइन में रखा गया है। जहां केवल डॉक्टर और कीपर ही जा सकते हैं। इसके अलावा किसी अन्य को वहां जाने की इजाजत नहीं है। उन्हें क्वारेंटाइन में इसलिए रखा गया है ताकि वे थोड़े शांत हो सकें। साथ ही पता चल सके कि दोनों को कोई बीमारी तो नहीं है। फिलहाल दोनों एक ही जगह हैं, लेकिन अलग-अलग केज में रखे गये हैं ताकि आक्रामकता में एक-दूसरे पर ही हमला न कर दें। डॉक्टर लगातार उनको आब्जर्व कर रहे हैं।
व्यवहार में जल्दी बदलाव नहीं आता
डायरेक्टर अदिति शर्मा ने बताया कि हिंसक जानवरों के व्यवहार में बदलाव इतनी जल्दी नहीं आता है। जरूरत पड़ने पर ही उन्हें दवा दी जा रही है। फिलहाल दोनों भेड़िये शांत हैं और उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। दोनों को वापस छोड़ने का फैसला उच्च अधिकारियों के निर्देशों के तहत ही होगा।
भोजन में मीट दिया जा रहा
वहीं, लखनऊ जू के डिप्टी डायरेक्टर उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि दोनों भेड़ियों की स्थिति ठीक है। उनको समय-समय पर भोजन में मीट दिया जा रहा है। दोनों का व्यवहार सामान्य है। कीपर ही केवल साफ-सफाई और भोजन देने के लिए उनके पास जा रहे हैं। उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। हालांकि, दोनों कब तक क्वारेंटाइन में रहेंगे यह उच्च अधिकारी ही तय करेंगे।
जानवरों के व्यवहार में इतनी जल्दी बदलाव नहीं आता है। फिलहाल दोनों भेड़ियों को आब्जर्व किया जा रहा है और इस समय दोनों का व्यवहार शांत है। उन्हें छोड़ने का फैसला अधिकारी तय करेंगे।
-अदिति शर्मा, निदेशक, नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान