लखनऊ (ब्यूरो)। खुशनुमा मौसम और बोगनवेलिया की रंग बिरंगी किस्मों से गुलजार सीएसआईआर एनबीआरआई का सेंट्रल लॉन आकर्षण का केंद्र बना रहा। मौका था सीएसआईआर एनबीआरआई की ओर से लगे बोगनवेलिया उत्सव और कृषि मेले का, जिसमें संस्थान की ओर से विकसित 25 किस्मों को दर्शाया गया। पहले दिन दर्शकों ने बेगम सिकंदर, शुभ्रा, डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम, अर्जुना, अर्चना, मेरी पाल्मर स्पेशल, लॉस बनोस वैरिगेटा, अरुणा, डॉ। पीवी साने को सराहा। इसके अलावा लॉन में बोगनवेलिया पौधों बोनसाई और टोपिअरी कला में प्रदर्शित किया।
डॉ। देवेश चतुर्वेदी रहे मुख्य अतिथि
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कृषि, कृषि शिक्षा व अनुसंधान विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ। देवेश चतुर्वेदी रहे। उन्होंने कहा कि चाहे आम प्रचलित किस्मों की जगह उन्नत फसलों की खेती हो, या दलहन-तिलहन की फसलों को अदल बदल कर लगाना हो या फिर फल, सब्जी, अनाज एवं फूलों की खेती को अदल-बदल कर करना, फसलों के विविधीकरण के किसानों की आय बढऩे में मदद मिलती है। किसान ऐसी प्रयोगात्मक खेती समूह बना कर करें। इस दौरान बतौर विशिष्ट अतिथि डॉ। आनंद प्रकाश ने कहा कि कृषि विश्व विद्यालयों एवं शोध संस्थानों के बीच सामंजस्य व अनुबंधों से किसानों की आय को बढ़ाने में मदद मिलती है। दूसरे विशिष्ट अतिथि डॉ। बिजेंद्र सिंह ने कहा कि आम खेती से हटकर फूलों की खेती मन को सुकून और शांति देती है। कार्यक्रम में विशेष अतिथि डॉ। टी दामोदरन, डॉ। भास्कर नारायण एवं डॉ। आर विश्वनाथन ने भी अपने विचार रखे।
300 किसानों ने की शिरकत
संस्थान के निदेशक डॉ। अजित कुमार शासनी ने कहा कि राष्ट्रीय संस्थान होने के नाते हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि अपनी कृषि तकनीकी और किस्मों को किसानों तक पहुंचाया जाए। यह उसी का एक प्रयास है। आज अलग-अलग राज्यों से 300 किसानों ने शिरकत की है। इनको फ्लोरीकल्चर मिशन से जोड़कर उनकी आय को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
एमओयू हुआ साइन
इस दौरान महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ पुष्पकृषि और अन्य अनुसंधान क्षेत्रों में साझा अनुसंधान के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किये गए हैं।
सोमवार को भी आमजन के लिए खुला रहेगा
आमजन सोमवार 3:30 बजे तक कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं। सोमवार को समापन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख मुख्य अतिथि होंगे।