लखनऊ (ब्यूरो)। संजय गांधी पीजीआई में कैंसर पेशेंट, बोन मैरो व थैलेसीमिया पेशेंट को पहले के मुकाबले अब और अधिक सुरक्षित ब्लड मिलेगा। क्योंकि यहां के ट्रांसफयूजन मेडिसिन विभाग में एक्सरे आधारित ब्लड इरेडिएटर मशीन का उद्घाटन प्रो। आरके धीमन ने उद्घाटन किया। जिसकी मदद से मरीज को खून चढ़ाया जाएगा और रिएक्शन की गुंजाइश नहीं होगी।

सुरक्षित खून चढ़ाया जा सकेगा

पीजीआई के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के डॉ। प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि ब्लड कैंसर, बोन मैरो और थैलेसीमिया के रोगियों में बार-बार खून चढ़ाया जाता है। इनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। सामान्य तरीके से खून चढ़ाने के बाद कई रोगियों में रिएक्शन हो जाता है। लिहाजा अब ऐसे मरीजों में खून इस तकनीक से चढ़ाया जाएगा। मशीन की मदद से व्हाइट ब्लड सेल को निष्क्रिय करने के बाद रोगी में खून चढ़ाया जाएगा। यह ट्रांसफ्यूजन एसोसिएटेड ग्राफ्ट वर्सेज होस्ट डिजीज टीएजवीएचडी को रोकने काम करेगी। इस दौरान ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की प्रमुख डॉ। प्रीति एल्हेंस, डॉ। अनुपम वर्मा, डॉ। अतुल सोनकर व डॉ। आदित्य कपूर आदि मौजूद रहे।

इस वर्ष 35 हजार यूनिट रक्तदान हुआ

ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की प्रमुख डॉ। प्रीति एल्हेंस ने बताया कि इस वर्ष 35 हजार यूनिट रक्तदान हुआ है। इसमें 40 फीसदी स्वैच्छिक रक्तदान है। आबादी के सिर्फ दो फीसदी लोग स्वैच्छिक रक्तदान कर दें तो रोगियों को खून की कमी नहीं होगी। इस दौरान संस्थान में नियमित स्वैच्छिक रक्तदान करने वाले पीजीआई कर्मचारी महासंघ के पूर्व महामंत्री धर्मेश कुमार, मेडिटेक एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके सिंह, सतीश चंद्रा, शशांक शिंडे आदि को सम्मानित किया गया।

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राजधानी में 62 लोगों की डेंगू रिपोर्ट आई पॉजिटिव

राजधानी में डेंगू का प्रकोप लगातार जारी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 28-29 सितंबर को कलेक्ट किए गये सैंपल में रिकार्ड 62 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। जिसने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। राजधानी के इंदिरा नगर में 11, चिनहट में 3, चंदरनगर में 10, सरोजनीनगर में 5, रेडक्रास में 2, एनके रोड में 5, अलीगंज में 11, सिल्वर जुबली में 2, बीकेटी में 3, टूडियागंज में 4 और ऐशबाग में 3 मरीज मिले है। वहीं, लगभग 1854 घरों एवं आसपास मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण किया गया। कुल 10 घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर नोटिस जारी किया गया। नगर मलेरिया इकाई एवं जिला मलेरिया अधिकारी की टीमों द्वारा जनपद के विभिन्न स्थलों व भवनों का निरीक्षण किया गया तथा लार्वा रोधी रसायन का छिड़काव किया गया।