लखनऊ (ब्यूरो)। रक्तदान एक बड़ा सामाजिक कार्य है। इमरजेंसी की स्थिति में मरीज की जीवन रक्षा में रक्त की आवश्यकता एक बहुत बड़ा फैक्ट है। रक्तदाता के एक बार के रक्तदान से तीन मरीजों की जान बचायी जा सकती है। इमरजेंसी किसी के साथ भी घट सकती है, इसलिए अपने परिजन की आकस्मिकता के बारे में भी सोचें और रक्तदान अवश्य करें। ये बातें बुधवार का केजीएमयू द्वारा गवर्नर हाउस में आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर के शुभारंभ के दौरान गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने कहीं।
रक्तदान जरूर करना चाहिए
इस दौरान गवर्नर ने रक्तदान के बारे में समाज में व्याप्त भ्रमों पर भी चर्चा की और कहा कि रक्त निर्माण शरीर की स्वाभाविक प्रक्रिया है। रक्तदान के बाद शरीर में दोबारा रक्त का निर्माण हो जाता है। स्वस्थ व्यक्ति वर्ष में दो या उससे अधिक बार भी रक्तदान कर सकता है। हम सबको सामाजिक हितों के प्रति जागरूक और दूसरों के कष्टों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। इस दौरान उन्होंने राजभवन के रक्तदाता अधिकारियों और कर्मचारियों का उत्साहवद्र्धन किया और प्रमाणपत्र भी प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने केजीएमयू द्वारा संपादित स्वैच्छिक प्लेटलेट एफेरेसिस रक्तदाता रजिस्ट्री का विमोचन भी किया। इस पुस्तक में उन रक्तदाताओं का विवरण संकलित किया गया है, जिन्हें विशेष आवश्यकता के तहत रक्तदान के लिए बुलाया जा सकता है।
मरीजों को मिलेगी राहत
वहीं, केजीएमयू वीसी डॉ। बिपिन पुरी ने कहा कि कुल रक्तदान में मात्र 30 प्रतिशत जागरूक नागरिक ही स्वैच्छिक रक्तदान करते हैं। शेष 70 प्रतिशत रक्तदान मरीजों के परिजनों द्वारा इमरजेंसी की स्थिति में जीवन रक्षा के दृष्टिगत ही किया जाता है। मरीज को उसकी जरूरत के अनुसार रक्त अवयव ही प्रदान किया जाता है। वहीं, मुख्य आयोजक डॉ। तूलिका चंद्रा ने बताया कि सिंगल डोनर प्लेटलेट एफेरेसिस की प्रक्रिया से मिलती है। इसके लिए मरीज के ब्लड ग्रुप के ही रक्तदान की आवश्यकता होती है। ऐसे मरीज को उसके ग्रुप का डोनर इस रजिस्ट्री बुक के माध्यम से तलाश कर रक्त की आपूर्ति की जायेगी। इस शिविर से कुल 82 यूनिट रक्त संग्रहण किया गया।