लखनऊ (ब्यूरो)। हजरतगंज थाने में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, दूसरों को जालसाजों से बचाने वाली पुलिस खुद ही साइबर जालसाज के जाल में फंस गई। यहां के सीयूजी मोबाइल नंबर को ही हैक कर लिया गया है। इतना ही नहीं, इन मोबाइल नंबर से लोगों को कॉल कर नशीले पदार्थ की सप्लाई करने का आरोप लगा उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी जा रही है। गिरफ्तारी से बचने के एवज में उनसे मोटी रकम ऐंठने की कोशिश की जा रही है। मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचा तो पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। बहरहाल, हजरतगंज थाना पुलिस ने अज्ञात जालसाजों के खिलाफ केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

पहले भी आ चुके हैं मामले

केस-1

वर्ष 2023 में यूपी के तत्कालीन डीजीपी के नंबर से कानपुर के दो थानेदारों को कॉल की गई थी। कॉल कर थानेदारों से अनैतिक कार्य करने को कहा गया। पहले तो थानेदारों से कॉल करने वाले को डीजीपी ही समझा, लेकिन बाद में सच सामने आने में देर नहीं लगी।

केस-2

वर्ष 2015 में तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव के निजी सचिव के नंबर से राज्य के कई डीएम और मंडलायुक्तों को कॉल की गई थी। कॉल करने वाले ने इन सभी अधिकारियों से भी अनैतिक कार्य करने को कहा, जिस पर एक दो अधिकारियों ने बताए गए काम कर भी दिए। जांच में स्पूफ कॉल सामने आई थी।

कॉल बैक करने पर खुलासा

हजरतगंज थाने के दो सीयूजी नंबर हैक कर हैकर कई लोगों को पिछले एक सप्ताह से लगातार फोन कर रहे हैं। साइबर ठग उनको उनके घर पर नशीले पदार्थ का पार्सल आने से लेकर फर्जी आधार कार्ड आदि बनवाने का आरोप लगा रहे हैं। साथ ही उनकी पर्सनल जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं। यही नहीं, इसका किसी को पता न चले, इसके एवज में पैसों की भी डिमांड कर रहे हैं। जब एक पीड़ित ने पलट कर इन नंबर पर दोबारा फोन किया, तो सही नंबर पर कॉल लग गई। जिसके बाद पता चला कि थाने से कोई उन्हें फोन नहीं किया गया है।

इन नंबरों को किया हैक

हजरतगंज इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के मुताबिक, कुछ दिन से थाने और उनके सीयूजी नंबर पर कुछ लोगों की कॉल आ रही थी। जिसमें यह कहा जा रहा था कि उन्हें थाने के सीयूजी नंबर 7839861075 व थाना प्रभारी के सीयूजी नंबर 9454403853 से कॉल आई थी और उनसे कहा जा रहा है कि उनका एक पार्सल पकड़ा गया है, जिसमें ड्रग्स है। इन नंबरों से कॉल करने वाले ने खुद को क्राइम ब्रांच का कर्मचारी बताया था। इंस्पेक्टर ने बताया कि जब इसकी जांच की गई तो सामने आया कि, यह साइबर अपराधियों द्वारा किया जा रहा है, जिन्होंने हजरतगंज थाने व प्रभारी के सीयूजी नंबर को हैक कर लिया है।

साइबर सेल जांच में जुटी

इंस्पेक्टर के मुताबिक, इस जानकारी के बाद साइबर सेल की मदद से जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारियों के मुताबिक, यह अपराध साइबर जालसाजों द्वारा किया गया है। जिन्होंने थाने व थाना प्रभारी के सीयूजी नंबर की स्पूफिंग कर ली है और फिर लोगों को कॉल कर धमकाया जा रहा है। बता दें कि इससे पहले भी साइबर अपराधी कई पुलिस अधिकारियों के सीयूजी नंबर की स्पूफिंग कर चुके हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जांच जारी है, जल्द ही अपराधी को ट्रेस कर लिया जाएगा।

क्या है कॉल स्पूफिंग

साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा के मुताबिक, थाने या पुलिस अधिकारी के सीयूजी नंबर से कॉल कर लोगों को ठगने की कोशिश करना और फिर जब पीड़ित उसी नंबर पर कॉल करे फिर वह असल अधिकारी के पास पहुंचे तो इसे कॉल स्पूफिंग कहते हैं। यह एक ऐसी टेक्निक है, जिससे अपने नंबर की पहचान छिपाते हुए किसी भी अन्य व्यक्ति के नंबर को हैक करके उससे कॉल करते हैं, इसमें असली नंबर वाले को बिना जानकारी लगे, अगले व्यक्ति को कॉल या मैसेज करने पर नंबर उसी का शो होता है।

ऐसे करें बचाव

एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर कोई आपको कॉल करे और पैसे मांगे और अगर आपको आवाज अलग लगे तो कॉल काट कर उसके नंबर पर दोबारा कॉल कर उसे वेरिफाई करें। स्पूफिंग कर जालसाज कॉल कर तो सकता है, लेकिन रिसीव नहीं कर सकेगा। जालसाजी में फंसने पर आप गृह मंत्रालय के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। साथ ही साइबर सेल के कंट्रोल रूम नंबर 1930 पर कॉल करके आप अपनी मुश्किलें बता सकते हैं। साथ ही स्थानीय थाने या साइबर थाने में भी शिकायत दर्ज करा सकते है।

3 साल सजा और जुर्माने का प्रावधान

कॉल स्पूफिंग इंडियन टेलीग्राफ एक्ट के तहत प्रतिबंधित है। ऐसा करते पाए जाने पर जुर्माना, तीन साल जेल या दोनों का प्रावधान है। इसमें तीन साल की सजा के साथ 25,000 रुपये जुर्माने का भी प्रावधान है।