देश में फस्र्ट टाइम हो रही फार्मूला वन रेस में इंडियन ड्राइवर्स भले ही पीछे हों लेकिन सट्टेबाजों ने इस रेस के लिए पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं। नेशनल कैपिटल दिल्ली के करीब ग्रेटर नोएडा में हो रहे रफ्तार के इस खेल में अब तक का सबसे बड़ा सट्टा लग चुका है। सट्टा तो क्रिकेट की तर्ज पर ही खेला जा रहा है लेकिन इसमें छोटे व्यापारी या पूंजीपति हाथ नहीं डाल रहे हैं.
- 10 करोड़ डालर का सट्टा
गाजियाबाद के एक सट्टेबाज की मानें तो अब तक किसी भी गेम में इतना बड़ा सट्टा नहीं लगा होगा जितना इंडिया में हो रही फार्मूला वन रेस में लगाया जा रहा है। छोटे पूंजीपति इससे दूर हैं तो बड़े उद्योगपति दिल खोल के दांव लगा रहे हैं। सट्टेबाजों की माने तो इतना बड़ा सट्टा इससे पहले कहीं नहीं लगा। इंटरनेशनल लेवल पर भी लोग इससे जुड़ गए हैं।
- दिग्गजों पर कम लग रहे हैं दांव
रफ्तार का खेल यूपी के ग्रेटर नोएडा में हो रहा है तो सट्टेबाजों ने यूपी के गाजियाबाद और दिल्ली के साउथ एक्स को अपना मेन सेंटर बना लिया है। पहले और दूसरे अभ्यास के खत्म होते ही सट्टे का रेट ओपेन हो गया था। रफ्तार के इस गेम में सट्टेबाजों ने भारतीय ड्राइवरों पर दांव तो लगाये हैं लेकिन नौवें और दसवें नम्बर के लिए। सहारा की फोर्स इण्डिया पर एक के मुकाबले दस का रेट चल रहा है। वहीं नारायण कार्तिकेयन पर नौवें नम्बर के लिए लखनऊ में एक के मुकाबले पांच का रेट लगाया गया है.
- दिल्ली, गाजियाबाद हैं खास अड्डे
पुराने लखनऊ में बैठे एक सट्टेबाज की मानें तो गाजियाबाद के इंदिरापुरम में सट्टेबाजों ने अपना मेन अड्डा बनाया हुआ है। इस सट्टेबाज की मानें तो लखनऊ के कुछ सर्राफ ही सट्टे में इंट्रेस्ट ले रहे हैं लेकिन गाजियाबाद और कानपुर के व्यापारी इस गेम में खुल कर हाथ आजमा रहे हैं। गाजियाबाद के इंदिरापुरम में सट्टेबाजों ने कुछ फ्लैट्स बुक करा रखे हैं, जहां से इसका पूरा संचालन किया जा रहा है। यहां बकायदा इंटरनेट के जरिये बुकिंग की जा रही है।
- गाजियाबाद है safe place
लखनऊ के सट्टेबाज की मानें तो गाजियाबाद सट्टेबाजों के लिए दिल्ली से बेहतर जगह है। यूपी से दिल्ली करोड़ों रुपये ले जाने में पकड़े जाने के डर से पैसों का लेन देन गाजियाबाद में किया जा रहा है। इसमें गाजियाबाद में लोहामण्डी के कई बड़े व्यवसायी काफी दिलचस्पी के साथ इस खेल में लगे हुए हैं.
online बोली
किस टीम का क्या रेट है, यह जानकारी कोड वर्ड के साथ इंटरनेट के थ्रू पर्टिकुलर ईमेल आईडी के जरिये सट्टे का रेट बताया जा रहा है। मोबाइल का इस्तेमाल बहुत कम किया जा रहा है। क्यों कि मोबाइल के यूज से पकड़े जाने का डर अधिक बना रहता है.
बेईमानी का धंधा पूरी ईमानदारी के साथ
सट्टे पर करोड़ों का दांव लगाने वाले राजधानी के एक व्यापारी का कहना है कि बेईमानी का यह कारोबार पूरी ईमानदारी के साथ होता है। इसमें अगर आप सट्टा हार गये, तो आपके पैसे कोई नहीं बचा सकता और अगर आप जीत गये तो पूरी रकम आपको मिलेगी.
- पकडऩा मुश्किल
वल्र्ड कप के दौरान सट्टेबाजो के खिलाफ कार्रवाई करने वाले एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि यहां सट्टे का गेम बड़ी ही सावधानी के साथ खेला जा रहा है। पुलिस को पकडऩे के लिए सॉलिड इंफार्मेशन और प्रूफ जब तक नहीं मिलता तब तक वह सट्टेबाजों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती। इन्हें पकडऩा बहुत मुश्किल होता है। अगर सट्टेबाज मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो पकडऩा आसान हो जाता है लेकिन कोर्ट में पू्रव करने में पसीने छूट जाते हैं।
तीन दिन पहले पकड़ा गया था करोड़ों का सट्टा
गाजियाबाद में तीन दिन पहले करोड़ों रुपये का सट्टा पकड़ा गया था जो एमसीएक्स पर लगाया गया था। इसमें मेरठ के एक व्यापारी को पुलिस ने हिरासत में लिया था.
दिवाली के दौरान जुआं खेलने वाले इस रेस के बाद इस बार दांव लगाने बंद करेंगे। तमाम लोगों ने कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो दिवाली में गई रकम इस एक रेस में मिल जाएगी। वहीं जिन्होंने जीत दर्ज की है, वे भी ये आखिरी चाल खेलने के लिए तैयार हैं।
सबसे अधिक दांव इंडिया के नारायण कार्तिकेयन पर लगा हुआ है। इनके नौ नंबर पर आने के लिए सबसे अधिक रकम दांव पर लगी हुई है। माइकल शूमाकर पर सबसे कम बोली लगाई गई है। सहारा फोर्स इंडिया पर मोटी बोली लगाई जा चुकी है। रेडबुल की टीम पर सट्टा ना के बराबर है। इसके ड्राइवर सेबेस्टियन वेटल पर भी बहुत रकम नहीं लगाई गई है।