लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी को मदर्स फ्रेंडली बनाने की कवायद शुरू हुई थी। जिसके तहत अस्पताल से लेकर बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, पार्क और मार्केट तक में बेबी केयर यूनिट, ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर लगाने की बात हुई थी। कुछ जगहों पर ये शुरू भी किए गये और चल भी रहे हैं। पर अधिकतर जगह ये लगे ही नहीं हैं, जिससे एक अच्छी योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है। रियलिटी चेक में भी यह बात सामने आई
यहां सही मिले बेबी केयर यूनिट
सिविल अस्पताल- यहां अगस्त, 2021 में पीडियाट्रिक विभाग में इस यूनिट की शुरुआत की गई थी, जोकि चालू हालत में है। यहां पर व्यवस्था भी ठीक मिली। इसके अलावा, डफरिन, बलरामपुर, झलकारी बाई समेत अन्य जगहों पर भी ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर बने हुए हैं।
नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान- यहां मई 2019 में पांच जगहों पर बेबी केयर यूनिट डेवलप किए गये हैं ताकि माताएं यहां आराम से अपने नवजात को ब्रेस्ट फीडिंग करा सकें। यहां सेंटर चालू और ठीक हालत में मिले।
चारबाग रेलवे स्टेशन- केंद्र सरकार के निर्देश पर महिला वेटिंग रूम में ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर बनाने का आदेश आया था। जिसके तहत 2019 में यहां प्लेटफार्म नं.1 पर महिला वेटिंग रूम में यह कार्नर बनाया गया था, जो काफी अच्छी स्थिति में है और महिलाओं द्वारा यूज भी किया जा रहा है।
चारबाग बस स्टेशन- यहां 2023 में ब्रेस्ट फीडिंग यूनिट बनाया गया था, पर महिलाओं द्वारा इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है। वहीं, गेट पर ताला लटका हुआ है। हालांकि, इसके अलावा अन्य बस स्टेशन पर भी बूथ बना हुआ है।
नहीं शुरू हो सकी सुविधा
पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया द्वारा मदर्स के लिए मार्केट में पिंक टायलेट के साथ बे्रस्ट फीडिंग कार्नर के लिए भी जगह देखने के लिए कहा गया था। पर अभी तक ऐसी कोई सुविधा मार्केट में शुरू नहीं हो सकी है। जिसकी वजह से मार्केट जाने वाली महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कमोवेश कुछ ऐसा ही हाल पार्कों का भी है। जहां मदर्स के लिए ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर की सुविधा नहीं है।
नवजात को छह माह तक केवल मां का दूध दें
डफरिन अस्पताल के सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉ। इमरान के मुताबिक, नवजात को छह माह तक केवल मां का ही दूध देना चाहिए। इसके अलावा ऊपर से कुछ भी नहीं देना चाहिए। उसके बाद 2 वर्ष की आयु तक आहार के साथ मां का दूध देते रहने चाहिए। इससे बच्चों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है और बच्चे की इम्युनिटी भी बढ़ती है। स्तनपान कराना केवल मां की ही जिम्मेदारी नहीं होती, इसमें परिवार एवं समाज का सहयोग भी जरूरी है।