- सीबीआई की विशेष कोर्ट ने अयोध्या विवादित ढांचा विध्वंस मामले के फैसले में सभी आरोपियों को किया बरी
- फैसला आते ही सभी के चेहरे चहक उठे
LUCKNOW: सीबीआई कोर्ट की तरफ जाने वाले लगभग सभी मार्ग को कड़े सुरक्षा घेरे में तब्दील कर दिया गया था। मीडिया और बाबरी विध्वंस के आरोपियों को छोड़कर किसी अन्य को सीबीआई कोर्ट की तरफ जाने की परमीशन नहीं दी जा रही थी। जैसे जैसे फैसले का समय नजदीक आ रहा था, सीबीआई कोर्ट के बाहर मीडिया और कोर्ट के अंदर मौजूद 26 आरोपियों के लिए एक एक पल काटना मुश्किल हो रहा था। फैसला पक्ष में आने के बाद जैसे ही आरोपी बाहर निकले, जयश्रीराम के नारे गूंजने लगे।
चेहरे पर दिखी मुस्कुराहट
सुबह 10.30 बजे के बाद से ही आरोपी धीरे धीरे कोर्ट पहुंचने लगे थे। किसी भी आरोपी के चेहरे पर न तो टेंशन थी और न ही इस बात का डर कि उन्हें सजा हो सकती है। सभी यही कहते नजर आए कि जो होगा अच्छा होगा। उन्हें कोर्ट के फैसले पर भरोसा है और अंतत: उनका भरोसा सही साबित हुआ और कोर्ट में मौजूद सभी 26 आरोपी बरी हो गए। वहीं छह अन्य आरोपी वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े थे। वो भी बरी हो गए। कुल मिलाकर सभी 32 आरोपियों को सीबीआई कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई।
हमे फंसाया गया है
जिस तरह से आरोपी जोश और विक्टरी साइन दिखाते हुए कोर्ट में जा रहे थे, उनकी आंखों में झलकता विश्वास यह बताने के लिए काफी था कि कहीं न कहीं कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आने वाला है। कई आरोपियों ने तो कोर्ट में जाने से पहले मीडिया से खुलकर बात भी की और यही कहा कि षड़यंत्र के तहत उन्हें फंसाया गया है।
फोन पर जानकारी
आरोपियों के साथ किसी को भी कोर्ट परिसर में जाने की अनुमति नहीं थी। इस वजह से उनके समर्थक प्रतिबंधित एरिया के बाहर खड़े होकर ही कोर्ट के फैसले का अपडेट जानने का प्रयास करते रहे और जैसे ही कोर्ट का फैसला आया, समर्थक खुशी से जय श्रीराम के नारे लगाने लगे।
बरी होने के बाद बोले आरोपी
आखिरकार लंबे इंतजार के बाद आरोपों के कलंक से मुक्त हुए। कोर्ट के फैसले के बाद यह बात साबित हो गई है कि झूठ के पांव नहीं होते।
साध्वी ऋतंभरा, बरी
हमें कोर्ट के फैसले पर पूरा विश्वास था, जो फैसला आया है, उससे सत्य की जीत हुई है।
डॉ। राम विलास दास वेदांती, बरी
कोर्ट जो भी फैसला देती, हमें मंजूर था। चंद मिनटों में फैसला आना ही था। अब फैसला आने के बाद अयोध्या जरूर जाएंगे।
साक्षी महाराज, बरी