- मुख्यमंत्री और एनएचएम के पास पहुंची शिकायत
- एमडी ने शुरू की जांच, मांगा संस्थाओं से जवाब
sunil.yadav@inext.co.in
LUCKNOW: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में फर्जी प्रमाणपत्रों से कर्मचारी और ऑफिसर तक काम कर रहे हैं। मुख्यालय लखनऊ में तैनात ऑडिट आफिसर वाहिद रिजवी और शांतनु लाल गुप्ता पर सीए के फर्जी सर्टिफिकेट और फर्जी एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी पाने का आरोप लगा है। ये दोनों पिछले पांच साल से ऑडिट ऑफिसर पद पर काम कर रहे हैं। इसका खुलासा आरटीआई से हुआ है और इसकी शिकायत सीएम और एनएचएम के एमडी से की गई है। शिकायत मिलने पर एनएचएम ने जांच बैठा दी है।
फर्जी एक्सपीरिसंय के पेपर
आरोप है कि पांच साल पहले ऑडिट ऑफिसर बनने वाले वाहिद रिजवी ने द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के जिस सर्टिफिकेट पर नौकरी ज्वाइन की उसको आईसीएआई ने ही फर्जी करार दिया है। पता चला है कि वाहिद ने दूसरे के सर्टिफिकेट में छेड़छाड़ कर अपने नाम के फर्जी सर्टिफिकेट तैयार किए और जॉब के लिए अप्लाई किया था। इसमें वह कामयाब हुए और पांच साल से जॉब कर रहे हैं। उन्होंने मेहरा एंड कंपनी में ट्रेनिंग की भी जानकारी दी है। लेकिन इस कंपनी एनएचएम को कोई ट्रेनिंग न होने की बात कही है। अधिकारियो के अनुसार ठीक से जांच हुई तो वह धोखाधड़ी में फंस सकते हैं। हालांकि वाहिद ने अपने डॉक्यूमेंट को सही बताया और कहा कि उन्होंने बीसी जैन एंड कंपनी से ट्रेनिंग की है।
ट्रेनिंग को ही बताया अनुभव
ऐसे ही एक अन्य ऑडिट आफिसर शांतनु लाल गुप्ता पर भी फर्जी प्रपत्रों के आधार पर नौकरी करने का आरोप लगा है। 2012 में एक विज्ञापन जारी हुआ था जिसमें एसपीएमयू के लिए आफिसर ऑडिट पद के लिए आवेदन मांगे गए थे। जिसमें पांच साल का अनुभव अनिवार्य था। लेकिन शांतनु लाल गुप्ता ने एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट लगाकर जॉब पा ली। पता चला है कि 2012 से नौकरी कर रहे शांतनु लाल ने 2007 में सीएम पास किया था। इसके बाद तीन साल की ट्रेनिंग होती है मतलब उन्होंने 2010 तक ट्रेनिंग की। उसके बाद ही पांच साल का अनुभव हो सकता है जो 2015 में पूरा होगा। लेकिन शांतनु लाल गुप्ता ने अपनी ट्रेनिंग को ही अनुभव बताकर अप्लाई किया और जॉब कर रहे हैं।
अफसरों की मिलीभगत
सूत्रों के अनुसार अधिकारियों की मिलीभगत से आडिट जैसे महत्वपूर्ण विभाग में इन पदों पर ज्वाइनिंग की गई। नेशनल हेल्थ मिशन में हजारो करोड़ का बजट आता है। फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर जॉब पाने वाले अधिकारियों से ऑडिट का काम लिया जाना भी कई तरह के सवाल खड़े करता है। यह हाल तब है जब नेशनल हेल्थ मिशन के पास दोनों के नाम से कई शिकायतें आई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सीएम तक पहुंची शिकायत
नेशनल हेल्थ मिशन में फर्जीवाड़ा कर नौकरी करने के मामले की शिकायत सीएम तक पहुंच गई है। सामाजिक कार्यकर्ता ने पुख्ता सबूतों के साथ सीएम से शिकायत की है। जिसके बाद नेशनल हेल्थ मिशन के अधिकारियों ने इसकी जांच शुरू की है।
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एनएचएम में चल रहा रैकेट
नेशनल हेल्थ मिशन के सूत्रों के अनुसार महत्वपूर्ण पदों पर बिना सत्यापन ज्वाइन कराने का रैकेट चल रहा है। पहले भी कई बार भर्तियों में आरोप लगे हैं। पिछले वर्ष भी पैरामेडिकल पदों की भर्तियों में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। जिसकी मंत्री ने जांच के आदेश दिए थे। बाद में न तो आरोपियों पर कार्रवाई हुई और न ही रिजल्ट बदले गए।
कोट
दोनों आफिसर्स की शिकायतें मिली हैं। इनकेदस्तावेजों के लिए संबंधित यूनिवर्सिटी और संस्थानों से जवाब मांगा गया है। अभी जवाब नहीं मिला है। सोमवार को एनएचएम से एक आदमी जाएगा और इन्हें वेरीफाई करेगा। यदि ये फर्जी मिले तो दोनों को नौकरी से निकालकर धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराकर लीगल एक्शन लिया जाएगा।
- पंकज कुमार, एमडी, एनएचएम