लखनऊ (ब्यूरो)। इंदिरानगर और चिनहट अवैध निर्माणों का गढ़ बनते जा रहे हैं। इन इलाकों में ज्यादातर अपार्टमेंट या अन्य व्यावसायिक निर्माण बिना ले आउट के हो रहे हैं। ऐसे में लोगों को बेहद सावधानी बरते जाने की जरूरत है। यह सच्चाई एलडीए की कार्यवाही में सामने आई है। अब नए सिरे से अवैध निर्माणों का चिन्हांकन किया जाएगा। इसके बाद उनके खिलाफ एक्शन होगा।

अपार्टमेंट्स आए सामने

एलडीए की कार्रवाई के दौरान यहां पर ऐसे अपार्टमेंट्स सामने आए हैैं, जिनका ले आउट तक पास नहीं है। इसके बावजूद तीन से चार मंजिला अपार्टमेंट का निर्माण कराया जा रहा है। ऐसे में आने वाले वक्त में यह खरीदारों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। इसी तरह पानी गांव व फरीदी नगर में भी व्यावसायिक निर्माण होते मिले, जो पूरी तरह से अवैध थे। जिसके चलते एलडीए की ओर से सभी निर्माणों को सील कर दिया गया। इससे पहले भी एलडीए की ओर से इसी एरिया में आधा दर्जन से अधिक अवैध निर्माण सील किए गए हैैं। इसके साथ ही कई निर्माणों को नोटिस भी दी गई है।

अवैध निर्माणों पर शिकंजा

एलडीए की ओर से अवैध निर्माणों पर शिकंजा कसने के लिए भी कवायद तेज कर दी गई है। एलडीए की ओर से विस्तारित एरिया में अवैध निर्माणों पर शिकंजा कसा जा रहा है। इसके लिए टीमें गठित की गई हैैं, जो विस्तारित एरियाज में अवैध निर्माणों को चिन्हित कर उनकी लिस्ट तैयार कर रही हैं। लिस्ट तैयार होने के बाद अवैध निर्माणों के खिलाफ सीलिंग और ध्वस्तीकरण संबंधी कार्रवाई शुरू हो सकती है। इसी तरह किसान पथ पर भी अवैध प्लाटिंग पर शिकंजा कसा जा रहा है। यहां एक दर्जन प्लॉटिंग को ध्वस्त किया जा चुका है।

कागजों की पड़ताल

एलडीए की ओर से आवासीय और कामर्शियल निर्माणों से जुड़े प्रपत्रों की जांच कराई जा रही है। जो भी कागजात नक्शा पास कराने को लेकर आ रहे हैैं, उनकी जांच कराई जा रही है। चूंकि अब विस्तारित एरिया भी एलडीए के क्षेत्र में आ चुके हैैं, ऐसे में अब एलडीए की ओर से अवैध निर्माणों पर तेजी से शिकंजा कसने का काम शुरू कर दिया गया है। विस्तारित एरियाज में डेवलपमेंट को लेकर रोडमैप भी तैयार कराया जा रहा है। हालांकि शासन से स्वीकृति आने के बाद ही इस दिशा में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।