लखनऊ (ब्यूरो)। दिल संबंधी बीमारी से ग्रसित लोगों को बेहद सतर्क रहना चाहिए। खासतौर पर अगर उनमें आयरन की कमी है तो विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। क्योंकि हार्ट फेलियर के शिकार होने वाले लोगों में आयरन की कमी का खतरा सबसे अधिक होता है। ऐसे में, समय-समय पर आयरन की जांच कराते रहना चाहिए ताकि वक्त रहते आयरन की कमी को दूर किया जा सके। यह जानकारी संजय गांधी पीजीआई में आने वाले हार्ट फेलियर के केसों की जांच के दौरा सामने आई।

50-70 फीसदी में आयरन की कमी

कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ। नवीन गर्ग के मुताबिक, ओपीडी में रोज ऐसे 15 से 20 रोगी आते हैं। इनमें आयरन की कमी से हार्ट फेलियर का खतरा अधिक होता है। हार्ट फेलियर किसी भी उम्र में हो सकता है। जन्मजात दिल की बीमारी वाले लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है। ओपीडी में आने वाले मामलों में जांच के दौरान आधे रोगियों में हिमोग्लोबिन सामान्य था, लेकिन उनमें आयरन की कमी मिली। ओपीडी में आने वाले ऐसे 50-70 फीसदी मामलों में आयरन की कमी देखने को मिली। ऐसे लोगों को हिमोग्लोबिन के साथ आयरन की जांच विशेष तौर पर करवानी चाहिये ताकि समय रहते इसे दूर किया जा सके।

जानलेवा हो सकता है हार्ट फेलियर

डॉ। नवीन गर्ग का कहना है कि हार्ट फेलियर में रोगियों के दिल की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। वहीं, कमजोर होने के कारण मांसपेशियां जरूरत के मुताबिक खून पंप नहीं कर पाती हैं, जिसके कारण खून वापस आ जाता है और फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा होने लगता है। जिसकी वजह से मरीजों को सांस लेने में समस्या बढ़ जाती है, जिससे हार्ट फेलियर जानलेवा हो सकता है। ऐसे में लोगों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।

इंजेक्शन से दूर हो सकती है आयरन की कमी

खानपान और आयरन की दवाएं खाने के बावजूद इनमें आयरन की कमी दूर नहीं होती है। इतना ही नहीं, लंबे समय तक दवा खाने से कई तरह के साइड इफेक्ट हो सकते हैं। ऐसे में मरीजों को लिए बाजार में उपलब्ध आयरन इंजेक्शन काफी असरदार साबित हो सकता हैं। केवल दो इंजेक्शन देने से मरीजों में आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा, मरीजों को मौसमी हरी पत्तेदार सब्जियां और फलों को खाने में शामिल करना चाहिए ताकि नेचुरल तरीके से भी आयरन बॉडी को मिलता रहे।

ये होते हैं लक्षण

-सांस फूलना

-दिल की धड़कन अनियमित होना

-थकान व कमजोरी

-सीने में दर्द

-बेहोशी

-पैरों और टखनों में सूजन

हार्ट फेलियर के कई मरीजों में आयरन की कमी पाई गई है। ऐसे मरीजों को विशेष तौर पर सावधानी बरतनी चाहिए।

-डॉ। नवीन गर्ग, पीजीआई