- शहर के विभिन्न कॉलेज और यूनिवर्सिटी के एल्युमिनाई स्टूडेंट्स मदद को आये आगे

- लखनऊ से एजुकेटेड स्टूडेंट्स पर्दे के पीछे रहकर कर रहे मदद

LUCKNOW: जिस शहर में बचपन गुजरा और जिंदगी ने आकार लिया, वहां से आ रही कोरोना के तांडव की खबरों ने पूर्व छात्रों को बेचैन कर दिया। ऐसे में वे इस लड़ाई में अपने अपने स्तर पर कूद पड़े। किसी ने ऑक्सीजन तो किसी ने बेड तो कोई किसी की आर्थिक मदद से लेकर होम क्वारंटाइन में रहने वालों को भोजन और दवा पहुंचाना शुरू किया। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल के स्टूडेंट्स से लेकर लखनऊ यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों और सेंट फ्रांसिस स्कूल के स्टूडेंटस की। जो जहां है वहीं से अपने स्तर पर मदद को लेकर बेचैन हो गया। इन्होंने ने अपने टीचर्स, उनके पैरेंट्स से लेकर स्कूल स्टाफ की मदद के साथ ही हर उस व्यक्ति के लिए मदद को हाथ आगे बढ़ाया जिसकी जानकारी उन तक पहुंच पाई।

सोशल मीडिया का किया यूज

ज्यादातर स्टूडेंट ने अपने समूह के लोगों को जोड़ने में सोशल मीडिया का

यूज किया और इसी से मदद का आहवान किया। इसका यह रिजल्ट रहा कि देखते ही देखते सैकड़ों स्टूडेंट्स इससे जुड़ गये। सभी ने लखनऊ और देश में आई इस आपदा में अपनी भरपूर मदद देनी शुरू कर दी। ग्रुप में वे स्टूडेंट हैं, जो सोशल लाइफ में विभिन्न जगहों पर कार्यरत हैं। इनमें से कोई डॉक्टर है तो कोई प्रशासनिक अधिकारी, सेना से जुड़े स्टूडेंट से लेकर लखनऊ में अपना खुद का बिजनेस और बैंक कर्मी निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं।

एकजुट होकर ही महामारी पर विजय पा सकते हैं

मैं सैनिक स्कूल का पूर्व छात्र रहा हूं। स्कूल के कई जरूरतमंद लोगों के फोन आने पर जितना संभव हो पाया मैंने मदद करने का प्रयास किया। अभी भी लोगों की मदद कर रहा हूं। मैंने अपने दोस्तों को भी बधाई देता हूं, जो इस संकट की घड़ी में एक दूसरे की भरपूर मदद कर रहे हैं। आगे भी हम सभी एकजुट होकर ऐसी चुनौतियों पर विजय पा सकते हैं और सरकारी प्रयासों में भी मददगार साबित होंगे। सरकार की ओर से कोरोना संबंधित सभी प्रयासों से जरूरतमंदों को अवगत कराते हुए मदद की जा रहा है।

राजकमल यादव, डीएम बागपत, पूर्व छात्र, यूपी सैनिक स्कूल, लखनऊ

विदेश में रहकर लखनवाइट्स की मदद की

मैंने सेंट फ्रांसिस लखनऊ से पढ़ाई की है। इस समय मैं विदेश में रहता हूं, लेकिन लखनऊ में आई भीषण आपदा में लोगों की मदद करने के लिए परेशान था। मैंने फौरन चाटर्ड अकाउंटेट साथियों से मिलकर ग्रुप बनाया और जो भी मदद कर सकते थे करने का प्रयास किया।

राहुल स्तोगी, सीए, सेंट फ्रांसिस स्कूल, लखनऊ

हेल्प को बनाया ग्रुप

बचपन मेरा लखनऊ में गुजरा है और लगातार खबरें मिल रही थी कि लखनऊ में बहुत अधिक केसेज आ रहे हैं, जिसे सुनकर बहुत टेंशन हो रही थी। समझ में नहीं आता था कि लोगों की मदद हम कैसे कर सकते हैं। ऐसे में कुछ फ्रेंड्स ने मिलकर सोशल मीडिया ग्रुप बनाया और लोगों की मदद का आहवान किया। हमने फौरन अपने अपने लोगों को मेडिकल सजेशन देना शुरू कर दिया। इस तरह हमने कई लोगों को सही सुझाव देकर जान बचाने में मदद की। इसमें हमारे डॉक्टर साथियों डॉ। संजीव गर्ग, डॉ। चंचल सिंह, डॉ। परितोष मिश्रा, डॉ। वीपी गंगवार समेत अन्य डॉक्टर साथियों ने भी भरपूर मदद की।

डॉ। शैलेष सिंह, न्यूरो सर्जन, पूर्व छात्र, यूपी सैनिक स्कूल

साथियों के बारे में सुनकर मन हो गया बैचेन

मैंने अपनी पढ़ाई लखनऊ यूनिवर्सिटी से की। ऐसे में यहां के हालात सुनकर और साथियों के बारे में सुनकर मन चिंतित हो गया। मैंने फौरन कहा कि हमलोगों को कुछ करना चाहिए। दोस्तों ने ग्रुप बनाकर सबको जोड़ा और सभी ने अपने अपने स्तर पर मदद करनी शुरू कर दी।

प्रशांत श्रीवास्तव, जोनल डायरेक्टर नारकोटिकस, पूर्व छात्र एलयू

हर संभव मदद का किया भरपूर प्रयास

मैंने अपने जूनियर और सीनियर छात्रों की मांग पर ग्रुप से जुड़कर महामारी के दौरान लोगों की शासन प्रशासन की ओर से किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। साथ ही हर तरह से मदद करने का प्रयास किया। हम सभी एकजुट होकर आगे भी लोगों की मदद करते रहेंगे।

संजय सिंह, फिनांस कंट्रोलर, डॉ। शकुंतला मिश्र, यूनिवर्सिटी