बॉलीवुड में रियल स्टोरीज पर बहुत कम फिल्में बनती हैं। फिलहाल, हिंदी फिल्मों में इस नए चलन की एक शुरुआत भर हुई है। रियल स्टोरीज पर फिल्में बन रही हैं। हालांकि, अभी यह एक्सपेरिमेंट ट्रेंड में पूरी तरह से नहीं आ सका है। ये बातें फ्राइडे को दैनिक जागरण के ऑफिस में अपनी नई फिल्म 'स्पेशल 26' के प्रमोशन के सिलसिले में आए बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने कहीं। इस दौरान फिल्म में अहम भूमिका निभा रहे एक्टर मनोज बाजपेई और एक्ट्रेस काजल अग्रवाल भी मौजूद थीं। 8 फरवरी को यह फिल्म रिलीज होगी।
ठगी का खेल है स्पेशल 26
अपनी फिल्म के बारे में चर्चा करते हुए अक्षय कुमार ने कहा कि फिल्म की कहानी मुझे पहली बार सुनते ही पसंद आ गई थी। स्क्रिप्ट में सबसे ज्यादा मुझे जिस चीज ने अट्रैक्ट किया वह था इसका रियलिस्टिक होना। उन्होंने बताया कि यह फिल्म वर्ष 1986-87 के समय में घटी एक सच्ची घटना पर बेस्ड है। इस मूवी में ठगी का खेल दिखाया गया है। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि रियल स्टोरीज पर बहुत कम फिल्में बनती हैं। इसके बाद शायद फरहान अखतर की फिल्म 'मल्खा सिंहÓआएगी। लोग रियल स्टोरी पर बेस्ड फिल्में देखना पसंद करते हैं। हालांकि, अभी यह चलन में नहीं आ सका है।
अच्छा लगता है खिलाड़ी सुनना
अक्षय कुमार अपने कॅरियर में करीब सात ऐसी फिल्में कर चुके हैं जिसमें 'खिलाड़ीÓ वल्र्ड आता हो। वे खिलाड़ी नाम से किस तरह रिलेट करते हैं, पूछने पर हंस पड़ते हैं। उन्होंने कहा, 'खिलाड़ी से मैं अपना नाता जिंदगी भर नहीं तोड़ सकता। खिलाड़ी मेरी जिंदगी का हिस्सा है। मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे लोग इस नाम से पुकारते हैं। यह मेरे लिए लकी भी है। मेरी पहली फिल्म खिलाड़ी थी जो एक हिट फिल्म थी। उसके बाद जितनी भी खिलाड़ी नाम से फिल्में आई सभी हिट रहीं.'
बार-बार नहीं बनती शोले और सत्या
अपनी गंभीर अदाकारी के लिए जाने जाने वाले एक्टर मनोज बाजपेई ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ऐसा नहीं कि भीखू म्हात्रे के बाद मेरे किरदारों को पसंद नहीं किया गया। 'जुबैदा' हो या फिर 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' मेरे किरदारों को काफी पसंद किया गया है। अब सत्या और शोले जैसी फिल्में बार-बार नहीं बनाई जा सकती। ऐसी फिल्में तो बन जाती हैं। उन्हें मापदण्ड नहीं माना जा सकता। वहीं, सिंघम के बाद बॉलीवुड की दूसरी फिल्म कर रहीं काजल अग्रवाल कहती हैं कि इस फिल्म में दो फिमेल एक्ट्रेस हैं। मैंने और दिव्या दत्ता दोनों ने ही काफी मेहनत की है। उम्मीद है कि लोगों को हमारी अदाकारी पसंद आएगी। हम दोनों को काम करने में बहुत मजा आया।
उमड़ पड़ा हुजूम
अपने मनपसंद एक्टर अक्षय कुमार और मनोज बाजपेई को देखने के लिए उनके फैंस का हुजूम उमड़ पड़ा। सभी अपने-अपने मोबाइल्स में उनकी रिकॉर्डिंग करने लगे। जब अपने फैंस का अभिवादन स्वीकार करते हुए अक्षय ने हवा में हाथ उठाया तो सभी चीख पड़े।
यह अब एक खेल सा हो गया है
कमल हासन का कंट्रोवर्सियल मूवी 'विश्वरूपम' पर बात करते हुए अक्षय कहते हैं कि यह फिल्म लखनऊ में रिलीज हुई। इससे अच्छी क्या बात हो सकती है। यूपी में क्या हर स्टेट में यह फिल्म रिलीज होनी चाहिए। फिल्म को सर्टिफाइड करने के लिए एक बॉडी बनाई गई है। जब वहां से फिल्म पास हो गई तो फिर उस पर बवाल क्यों? इसका मतलब तो यही हुआ कि एक फिल्म को लेकर हमें हर दर पर जाना होगा कि इसे देख लो, इसे पास कर दो। कहां-कहां फिल्म को पास कराया जाए। यह तो अब बिल्कुल खेल जैसा हो गया है।