- नोट बंदी जल्दबाजी में लिया गया फैसला
- बोले कि कहीं देश को भी किसी दिन न फंसा दें
- फिर लिखा पीएम को पत्र, आगरा आ रहे हैं मोदी
LUCKNOW:केंद्र सरकार द्वारा पांच सौ और हजार के नोट बंद किए जाने के फैसले से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार नाराज चल रहे हैं। शुक्रवार को कैबिनेट के बाद मुख्यमंत्री ने एक बार फिर केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि जिस तरह नोट बंदी का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है, उसी तरह आने वाले दिनों में किसी दिन देश को भी मुसीबत में न फंसा दिया जाए। उन्होंने वहां मौजूद लोगों को सलाह दी कि वे भी अपने पुराने नोट जल्दी बदलवा लें वरना वे कूड़ा हो जाएंगे। वहीं मुख्यमंत्री ने जल्द आगरा आ रहे पीएम मोदी को एक और पत्र लिखकर आगरा के जूता व्यवसाय से जुड़े मजदूरों की समस्याओं के बारे में अवगत भी कराया है।
किसानों की उम्मीदों पर ग्रहण
सीएम ने कहा कि अच्छी बारिश के बाद किसानों में यह उम्मीद जगी थी कि इस बार उनकी फसल अच्छी होगी लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें संकट में डाल दिया। यह कोई दैवीय आपदा नहीं, बल्कि केंद्र सरकार द्वारा जानबूझकर लिया गया गलत फैसला है। बोले कि केंद्र सरकार को कोऑपरेटिव बैंकों की मदद करनी चाहिए। वहां पुराने नोट जमा नहीं होंगे तो लोगों का बैंकों से भरोसा उठ जाएगा और बैंक बंद हो जाएंगे। भाजपा नेताओं पर तंज कसते हुए बोले कि सबसे ज्यादा बुद्धिमान और बुद्धिजीवी लोग वहीं पर है और वे ही परेशानी में डाल रहे हैं। जब मैंने अपने अधिकारियों से बैंकों में आ रही करेंसी के बारे में पूछा तो वे भी कोई आंकड़े नहीं दे सके। केंद्र सरकार लोक सभा और राज्य सभा में ही आंकड़े प्रस्तुत कर दे।
पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं
पार्टी में गुटबाजी को नकारते हुए अखिलेश ने कहा कि हमारे और नेताजी के घर के बीच कोई दीवार नही है। सपा की केवल एक ही साइकिल वाली टीम है, कोई अलग-अलग टीमें नहीं। अलग-अलग गुटों वाली बात केवल मीडिया की देन है। वहीं नोट बंदी से बसपा सुप्रीमो मायावती की नाराजगी पर बोले कि पत्रकारों को तो रोज बुआ से मिलने का मौका मिल रहा है। उनकी परेशानी यह है कि फिर से प्रदेश में सपा की सरकार आ रही है।
फिर लिखा पीएम को पत्र
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा कि आगामी 20 नवंबर को आगरा में आपका स्वागत है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों की वजह से मैं आपका स्वागत करने नहीं आ सकूंगा। आपको अवगत कराना है कि आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चर्स एंड एक्सपोटर्स चैंबर ने भारत सरकार द्वारा नोट बंदी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के बारे में अवगत कराया है। इस फैसले की वजह से हजारों मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिल पा रही है। आपसे अनुरोध है कि उद्योगपतियों के पुराने औसत को देखते हुए उन्हें मजदूरी बांटने के लिए आवश्यक नगदी उपलब्ध कराएं। आगरा की तरह प्रदेश के अन्य उद्योग धंधों और निर्यातकों पर भी पड़ रहा है जिससे प्रदेश की व्यवसायिक गतिविधियां ठप है। निर्यातकों पर इसका असर पड़ने से अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि भी प्रभावित हो रही है।