लखनऊ (ब्यूरो)। हाल में लखनऊ यूनिवर्सिटी ने पीजी आवेदनों से जुड़े कॉलेजों की सूची जारी की है। इस सूची के अनुसार शहर का सिर्फ एक कॉलेज ही इस आवेदन प्रक्रिया का हिस्सा है। कॉलेजों का तर्क है कि एलयू सेंट्रलाइज्ड आवेदन प्रक्रिया के तहत कॉलेजों से अधिक शुल्क वसूल रहा है, जिसके कारण कॉलेज दाखिला प्रक्रिया से किनारा कर रहे हैं।

महिला डिग्री कॉलेज ही हुआ शामिल
लखनऊ यूनिवर्सिटी की पीजी आवेदन प्रक्रिया से शहर का महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज ही जुड़ा है। महिला कॉलेज ने एमए अंग्रेजी, एमए इतिहास, एमए फिलॉसिफी व एमए होमसाइंस के लिए आवेदन किया है। किसी अन्य कॉलेज ने आवेदन नहीं किया है। जबकि शहर में 20 से अधिक एडेड कॉलेज हैं जो पीजी कोर्स चलाते हैंं। लखनऊ यूनिवर्सिटी की पीजी केंद्रीयकृत आवेदन प्रक्रिया से निजी कॉलेज ही जुडे हैं। एमए व एमकॉम के लिए 4, एलएलबी के लिए 10, एमपीएड के लिए 3 और एमएड के लिए 16 कॉलेज ही जुड़े हैं।

धन उगाही का जरिया
शहर के कई कॉलेज लखनऊ यूनिवर्सिटी की केंद्रीयकृत व्यवस्था को धन उगाही का जरिया मान रहे हैं। एडेड कॉलेजों के प्राचार्य का कहना है कि लखनऊ यूनिवर्सिटी कॉलेजों से प्रति विषय 50 हजार शुल्क लिया जा रहा है। एडेड कॉलेजों के पास कमाई का कोई जरिया नहीं होता है। यहां बच्चों को नॉमिनल फीस देकर पढ़ाया जाता है। साथ ही निजी कॉलेजों की तरह इनके पास आय के स्रोत नहीं है। ऐसे में कॉलेज 50 हजार रुपये प्रति कैसे देंगे। लखनऊ यूनिवर्सिटी को भी इस संबंद्ध में सोचना चाहिए।