लखनऊ (ब्यूरो)। मानसून के दस्तक देते ही इसका सीधा असर सब्जियों के दामों में देखने को मिल रहा है। पहले जहां सलाद में लोग टमाटर प्रमुख रूप से सजाते थे, वहीं अब इसके रेट आसमान छूने की वजह से इसका विकल्प तलाशने का काम शुरू कर दिया है। इसी तरह आलू, प्याज के बढ़ते दामों से भी लोगों की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। जैसे-जैसे बारिश रफ्तार पकड़ेगी, सब्जियों के दामों में अभी और उछाल देखने को मिल सकता है।
बारिश में यही समस्या
हर साल बारिश में टमाटर के दाम सबसे पहले रफ्तार पकड़ते हुए नजर आते हैैं। भले ही यूपी में अभी मानसून ने पूरी रफ्तार से जोर न पकड़ा हो लेकिन जिन राज्यों या शहरों से टमाटर, आलू या प्याज की आवक होती है, वहां पर बारिश हो चुकी है। इसकी वजह से भी इन सभी के रेट बढ़ रहे हैैं। उदाहरण के लिए बंगलुरु से टमाटर आता है, जबकि महाराष्ट्र और इंदौर से प्याज। वहां पर बारिश हो रही है, इसकी वजह से सप्लाई में समय लग रहा है। पिछले साल भी यही तस्वीर देखने को मिली थी और टमाटर के दाम 100 रुपये के पार चले गए थे और इस बार भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है।
अभी और बढ़ सकते हैं रेट
नरही मंडी के सब्जी विक्रेता राजेंद्र ने बताया कि टमाटर इस समय 100 रुपए किलो बिक रहा है। महंगा होने से पहले टमाटर 30 से 40 रुपए किलो मिलता था। इसके अलावा प्याज की भी कीमत बढ़ी है। पहले ये 20 रुपए किलो मिल रहा था लेकिन अब 50 रुपए किलो है। साथ ही, आलू जो 20 से 30 रुपए किलो में मिलता था इस समय 35 से 40 रुपए किलो मिल रहा है। भिंडी का दाम 30 रुपए किलो से बढ़कर दोगुना यानि 60 रुपए किलो हो गया है। शिमला मिर्च का भी दाम दोगुना बढ़ कर 30 रुपए पाव हो गया है।
सब्जियों के रेट
पहले के रेट
टमाटर- 30-40 रुपए किलो
आलू- 20-30 रुपए किलो
प्याज- 20 रुपए किलो
भिंडी- 30-40 रुपए किलो
लौकी- 20-30 रुपए किलो
शिमला मिर्च- 10-15 रुपए पाव
अभी के रेट
टमाटर- 100 रुपए किलो
आलू- 35-40 रुपए किलो
प्याज- 50 रुपए किलो
भिंडी- 60 रुपए किलो
लौकी- 40 रुपए किलो
शिमला मिर्च- 30 रुपए पाव
फल भी हुए महंगे
इस मौसम में सिर्फ सब्जियां ही नहीं बल्कि फल भी महंगे हो गए हैैं। इस समय आम 80 रुपए किलो, सेब 160 से 200 रुपए किलो, तरबूज 50 रुपए किलो और संतरा 150 रुपए किलो है।
बिगड़ गया घर का बजट
सब्जियां महंगी होने की वजह से सारा बजट गड़बड़ हो गया है। रोज इस्तेमाल होने वाली सब्जियों के महंगे होने से घर में सब्जियां कम आ रही हैैं, सिर्फ जो बहुत जरूरी है वही ला रहे हैैं।
बरखा मीरपुरी
रोज इस्तेमाल होने वाली सब्जियां ही महंगी हो गई हैैं। इसकी वजह से सारी सब्जियां लाने के बजाए थोड़ी-थोड़ी सब्जियां ही लाती हूं। इस समय टमाटर इतना महंगा है कि मैैं टमाटर खरीद ही नहीं रही हूं। मैैं चाहती हूं की इन सब्जियों के दाम जल्दी कम हो जाएं।
हेमा
इस समय सारी सब्जियां काफी महंगी हो गई हैैं। हम सब्जियां खाना तो नहीं छोड़ सकते इसलिए मजबूरी में महंगी सब्जियां खरीदनी पड़ रही है। इससे सारा बजट बिगड़ जाता है।
अलका चतुर्वेदी