लखनऊ (ब्यूरो)। वार्डों में सीट आरक्षण की तस्वीर साफ होने के बाद अब संभावित प्रत्याशियों की ओर से अपना वोट बैैंक मजबूत करने की दिशा में कवायद शुरू कर दी गई है। खास बात यह है कि जिन वार्डों में सीट आरक्षण बदला है, वहां पर युवा चेहरे दिग्गजों को कड़ी टक्कर देते हुए नजर आएंगे। वहीं, नए वार्डों में भी एक-एक वोट के लिए प्रत्याशी पसीना बहाते हुए दिखेंगे।

वोट बैैंक में सेंध

वार्ड के दिग्गज कैंडीडेट हों या नए चेहरे, हर किसी की नजर वोट बैैंक मजबूत करने पर है। एक तरफ जहां दिग्गजों की ओर से अपने पुराने वोट बैैंक को खंगाला जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ नए प्रत्याशियों की ओर से उनके वोट बैैंक में सेंध लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही उनकी ओर से नए वोटर्स को भी साथ लाने की रणनीति तैयार की गई है। नए परिसीमन के आधार पर जो नए इलाके वार्ड में जुड़े हैैं, उनके वोटर्स भी चुनावी परिणाम में खासा कमाल दिखा सकते हैैं।

वोटर्स दे सकते हैं झटका

जिस तरह वोटर्स इस बार वार्ड की समस्याओं को लेकर जागरूक नजर आ रहे हैैं, उससे साफ है कि इस बार कई वार्डों में प्रत्याशियों की कहानी बदल सकती है। प्रत्याशियों को यह बात समझनी होगी कि अगर वे वोटर्स की उम्मीद पर खरा नहीं उतरते हैैं या उनका विश्वास नहीं जीत पाते हैैं तो चुनावी परिणाम उनके विपक्षी के पक्ष में जा सकते हैैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों की ओर से वोटर्स का दिल जीतने का भरसक प्रयास किया जा रहा है। जिन वार्डों के सीट आरक्षण में बदलाव नहीं हुआ है, वहां परिणामों में कोई बड़ा परिवर्तन देखने को नहीं मिलेगा। पूरी संभावना है कि जो प्रत्याशी पहले से जीत रहे हैैं, उनकी इस बार भी जीत हो सकती है। हालांकि, उन्हें कड़ी टक्कर भी मिलने की संभावना है।

छह अप्रैल तक दावे-आपत्ति

मेयर सीट आरक्षण की तस्वीर भी साफ हो गई है। हालांकि, अभी छह अप्रैल तक इसको लेकर दावे-आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। इसके बाद अंतरिम सूची जारी होगी। वहीं दूसरी तरफ, वार्डों में सीट आरक्षण की लिस्ट भी जारी हो गई है। चुनावी विशेषज्ञों की माने तो वार्डवार सीट आरक्षण में बहुत ज्यादा बदलाव अब नहीं होगा। जो सीट आरक्षण आया है, उसके आधार पर ही प्रत्याशी तैयारी शुरू करेंगे।

चुनाव की तारीखों का इंतजार

वार्डों में प्रत्याशियों की ओर से फिर से बैनर पोस्टर लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। जो पहली बार चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैैं, उनकी ओर से पंपलेट्स भी छपवाए जा रहे हैैं और उन्हें ज्यादा से ज्यादा घरों तक पहुंचाने की कवायद कर रहे हैैं, जिससे उनका वोट बैैंक मजबूत हो सके और वो चुनावी जंग में अपनी जीत दर्ज कर सके।