लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में एक ओर डेंगू और मलेरिया का प्रकोप अपना रंग दिखा रहा है। वहीं अब चिकनगुनिया भी धीरे-धीरे यहां अपने पांव पसार रहा है। जनवरी से अब तक चिकनगुनिया के 60 से अधिक मरीज सामने आ चुके हैं। जिसने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
6 दिन में आए 8 मामले
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जनवरी से अब तक राजधानी में चिकनगुनिया के 60 मरीज सामने आ चुके हंै। जबकि बीते 6 दिनों में 8 संक्रमित यहां मिल चुके हैं। फिलहाल कोई गंभीर मरीज नहीं मिला है। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ। निशांत निर्वाण ने बताया कि डेंगू व मलेरिया की तरह ही चिकनगुनिया मच्छर से ही फैलने वाली बीमारी है। इसमें बुखार के साथ पूरे शरीर में ऐंठन के साथ हड्डियों के जोड़ों में तेज और असहनीय दर्द होने लगता है।
मच्छर से होता है संक्रमण
चिकनगुनिया फैलाने वाला यह मच्छर जब किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो उसकी लार में यह वायरस पहुंच जाता है। इसके बाद अगर यह मच्छर किसी दूसरे व्यक्ति को काटता है तो वह व्यक्ति भी इस बीमारी की चपेट में आ जाता है। संक्रमित मच्छर के काटने के 3 से 7 दिन के अंदर चिकनगुनिया की शुरुआत होती है। इसकी जांच और इलाज सरकारी अस्पतालों में फ्री है।
लक्षण के आधार पर इलाज
केजीएमयू के डॉ। डी हिमांशु ने बताया कि अभी चिकनगुनिया का कोई इलाज नहीं है ना ही इसकी कोई वैक्सीन है। लक्षणों के आधार पर इसका इलाज किया जाता है। अधिकतर मरीज इससे अपने आप ठीक हो जाते हैं। जो लोग इस बीमारी का शिकार होते हैं, उनमें जोड़ों के दर्द की समस्या कई माह तक देखने को मिल सकती है। चिकनगुनिया के मरीजों को अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है। मरीजों को सलाह दी जाती है कि वे खुद से इसका इलाज न करें।
ये हैं लक्षण
-भूख का कम लगना
-मांसपेशियों में दर्द होना
-जोड़ों में तेज दर्द
-जोड़ों में सूजन
-चक्कर आना
-शरीर पर चकत्ते निकलना
-तेज बुखार आना
-सिरदर्द बना रहना
ऐसे करें बचाव
-कहीं पानी जमा न होने दें
-बर्तन में भरा पानी हटा दें
-साबुन और पानी से अच्छे से हाथ धोएं
-घर में कीटनाशक का छिड़काव करें
-मच्छररोधी क्रीम का इस्तेमाल करें
-रात में खिड़की-दरवाजे बंद रखें
चिकनगुनिया के मरीज राजधानी में मिल रहे हैं लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है। इस बीमारी से बचने के लिए मच्छरों से बचाव जरूरी है।
-डॉ। मनोज अग्रवाल, सीएमओ