लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू आने वाले मरीजों को अब जांच के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दरअसल, रेडियोडायग्नोसिस विभाग शताब्दी फेज-1 में अत्याधुनिक 3टी एमआरआई और 160 स्लाइस सीटी स्कैनर की स्थापना की गई हैं। करीब 15 साल बाद विभाग को नई मशीन मिली है, जो पीपीपी मॉडल के तहत लगाई गई है। अब मरीजों का एडवांस्ड डायग्नोसिस होने से बेहतर ट्रीटमेंट हो सकेगा।
एडवांस्ड डायग्नोस्टिक का मिलेगा फायदा
अधिकारियों के मुताबिक, नई 3टी एमआरआई उन्नत, बेहतर ग्रेडिएंट्स, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सुधारों के साथ, शरीर रचना और विकृति की उत्कृष्ट डायग्नेासिस में मदद करती है। साथ ही मस्तिष्क की परफ्यूजन और सक्रियण, दिल की कार्यक्षमता, प्रवाह, जैसी शारीरिक प्रक्रियाओं की बेहतर इमेजिंग प्रदान करती है। जिससे पहले के मुकाबले और बेहतर डायग्नोसिस हो सकेगी। यह मशीन, ब्रेस्ट कैंसर, एंडोमेट्रियल और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर, सिर और गर्दन के कैंसर और अन्य कैंसर का पता लगाने और स्टेजिंग में उत्कृष्ट है। जो मेटास्टेसिस और मायलोमा की व्यापक पूरे शरीर की आंकलन प्रदान करती है।
ट्रांसप्लांट मरीजों को मिलेगी मदद
इसके अलावा, कैनन एक्विलियन लाइटनिंग 160 स्लाइस अल्ट्रा हेलिकल सीटी स्कैनर हमारी इमेजिंग क्षमताओं को काफी हद तक सुधारती है। जो खासतौर पर ट्रांसप्लांट मरीजों के लिए तेजी से इमेजिंग और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी प्रक्रियाओं में मदद करेगी। खासतौर पर लिवर व किडनी ट्रांसप्लांट और हाइपरएक्यूट स्ट्रोक रोगियों के प्रारंभिक स्कैनिंग के लिए बेहतर इमेजिंग मिल सकेगी।
मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत
रेडियोडायग्नोसिस विभाग के हेड प्रो। अनित परिहार ने बताया कि इन दो नई एडवांस्ड मशीनों की लंबे समय से प्रतीक्षा थी। इससे इमेजिंग बेहतर होने से मरीजों को पहले के मुकाबले अधिक डायग्नोसिस हो सकेगा, जिससे उनका ट्रीटमेंट भी बेहतर हो सकेगा। जांच के लिए लंबी वेटिंग से भी निजात मिलेगी। इस दौरान वीसी प्रो। सोनिया नित्यानंद और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के ग्लोबल डेवलपमेंट डिवीजन के हेड डॉ। क्रिस एलियास समेत अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।