लखनऊ (ब्यूरो)। वीसी ने 12 अप्रैल को मोहान रोड योजना व आसपास के क्षेत्र का सर्वे करने के लिए अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इस कमेटी को अवैध प्लाटिंग निर्माण को चिन्हित करने तथा इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी व अभियंताओं की भूमिका की जांच करने का जिम्मा सौंपा गया था। कमेटी द्वारा तीन दिन तक क्षेत्र का सर्वे करने के बाद शनिवार को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। वीसी ने इस जांच रिपोर्ट पर त्वरित एक्शन लेते हुए मार्च 2022 से लेकर वर्तमान में तैनात सात सुपरवाइजर, मेट व छह अवर अभियंताओं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिये हैं। वहीं, इस दौरान तैनात रहे चार जोनल अधिकारी, दो सहायक अभियंता व एक अमीन को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है।
जिला प्रशासन से मांगी जाएगी सूची
वीसी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मोहान रोड योजना व आसपास के क्षेत्र में जो भी गांव आते हैं, उनमें बीते दो वर्षों के अंदर राजस्व संहिता की धारा 80 के तहत घोषित की गई गैर कृषि भूमि की सूची प्राप्त करने के लिए जिला प्रशासन को पत्र भेजा जाए। जिला प्रशासन द्वारा जो भी सूची दी जाती है, उसके आधार पर गैर कृषि भूमि का सर्वे करा लिया जाए तथा अवैध निर्माण मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
18 अप्रैल से ध्वस्तीकरण अभियान
कमेटी द्वारा अभी तक किये गये सर्वे में कुल 13 अवैध कालोनियां चिन्हित की गई हैैं। इनमें से पांच कालोनियां के खिलाफ ध्वस्तीकरण आदेश जारी हैं। वहीं, आठ कालोनियों के खिलाफ कमेटी द्वारा दी गयी रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही शुरू की गई है। कमेटी द्वारा अपनी रिपोर्ट में उल्लेखित किया गया कि यह सभी अवैध निर्माण एवं प्लाटिंग मार्च 2022 से लेकर वर्तमान समय तक हुए हैं। वीसी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जो भी अवैध निर्माण चिन्हित किये गये हैं, उनके ध्वस्तीकरण के लिए 18 अप्रैल से विशेष अभियान चलाया जाए।
इनके खिलाफ होगी एफआईआर
अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि अभी तक की गई जांच में राजबहादुर रस्तोगी, बचन सिंह यादव, नितिन द्विवेदी, अवधेष राठौर, प्रहलाद, मोहम्मद नदीम, कमलेश कुमार, इरशाद हुसैन, अमर, रूद्रांश सिटी, कृष्ण विहार आवासीय एवं वेलफेयर सोसाइटी शैलेन्द्र कुमार, मुकेश यादव, प्रमोद कुमार, चांद कुरैशी द्वारा अवैध प्लाटिंग किये जाने की बात सामने आई है। इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जाएगी।