लखनऊ (ब्यूरो)। नगर निगम से जुड़े विस्तारित एरियाज में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। यह राहत पेयजल लाइन से जुड़ी हुई है। अमृत सिटी के अंतर्गत जो प्लान तैयार किया गया है, उससे साफ है कि विस्तारित एरियाज के साथ-साथ आलमबाग एरिया के भी कई मोहल्लों में नई पेयजल लाइन बिछाई जाएगी। इस बाबत प्रोजेक्ट तैयार करके केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया है।
लंबे समय से इंतजार
विस्तारित एरियाज में रहने वाले लोगों को लंबे समय से पेयजल लाइन का इंतजार था, जो अब पूरा होने जा रहा है। इसी तरह घनी आबादी वाले आलमबाग के करीब आधा दर्जन मोहल्लों में भी पेयजल लाइन बिछाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। अभी तक इन इलाकों में सबमर्सिबल के सहारे ही लोगों की प्यास बुझती थी। गर्मी के मौसम में तो स्थिति बेहद चिंताजनक हो जाती थी। अगर सबमर्सिबल खराब हो जाए तो लोगों को दूसरे मोहल्लों में जाकर या फिर पानी के टैैंकर के माध्यम से ही पानी की व्यवस्था करनी पड़ती थी।
कई बार प्रोजेक्ट बना
पहले भी कई बार पेयजल लाइन को प्रोजेक्ट बनाया गया, लेकिन अभी तक उसे इंप्लीमेंट नहीं किया जा सका। जिसकी वजह से लोगों को पेयजल संबंधी सुïिवधा नहीं मिल सकी। वहीं, अब नए सिरे से पेयजल लाइन को लेकर प्रोजेक्ट बनाया गया है, जिसे फिलहाल केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया है। केंद्र से अनुमति मिलने के बाद ही पेयजल लाइन को बिछाए जाने की दिशा में काम शुरू हो पाएगा। इसके साथ ही बजट संबंधी तस्वीर भी तभी साफ हो पाएगी। संभावना है कि जल्द ही प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
अन्य इलाकों में भी सर्वे
अमृत योजना के अंतगर्त राजधानी के कई अन्य वार्डों का भी सर्वे शुरू कराया जा रहा है। इसके अंतर्गत देखा जाएगा कि कितने ऐसे एरियाज हैैं, जहां सालों पुरानी पेयजल लाइन है और कितने ऐसे एरिया हैैं, जहां पेयजल लाइन तो है, लेकिन शत प्रतिशत घरों से कनेक्शन नहीं हैैं। इसकी वजह से लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अभी जो सर्वे रिपोर्ट सामने आए हैै उससे साफ है कि लालकुआं, कैसरबाग समेत कई इलाके ऐसे हैैं, जहां सालों पुरानी पेयजल लाइन बिछी हुई है और यहां पर नई पेयजल लाइन बिछाए जाने की जरूरत है।
दूषित जलापूर्ति से राहत
पुराने वार्डों में नई पेयजल लाइन बिछने के बाद निश्चित रूप से वहां की जनता को दूषित जलापूर्ति से भी राहत मिल जाएगी। अभी देखने में आता है कि इन इलाकों में से आए दिन दूषित जलापूर्ति होने संबंधी कंपलेन सामने आती रहती है। इसकी वजह यह है कि इन इलाकों में सीवरेज और पेयजल लाइन समानांतर हैैं। ऐसे में अगर पेयजल लाइन टूटती है तो सीवर का पानी उसमें मिक्स हो जाता है और जनता को दूषित पानी मिलने लगता है।