- लखनऊ में दूसरे चरण में होगा मतदान, 2 मई को होगी काउंटिंग
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रुष्टयहृह्रङ्ख : प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए चार चरणों में मतदान 15 अप्रैल से होगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को मतदान की तारीखों का ऐलान कर दिया है। वहीं राजधानी से सटे सीतापुर, गोंडा, बहराइच के कुछ गांवों में चुनाव नहीं होंगे। यहां पंचायत का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है। सभी चरणों में होने वाले मतदान की मतगणना 2 मई को होगी।
किस चरण में कब मतदान
चरण डेट
पहले चरण 15 अप्रैल
दूसरा चरण 19 अप्रैल
तीसरा चरण 26 अप्रैल
चौथा चरण 29 अप्रैल
नामांकन की डेट
चरण डेट
पहले चरण 3 से 4 अप्रैल
दूसरे चरण 7 व 8 अप्रैल
तीसरे चरण 13 और 15 अप्रैल
चौथा चरण 17 व 18 अप्रैल
किस चरण में कितने जिलों में मतदान
चरण जिलों की संख्या
पहले चरण 18
दूसरे चरण 20
तीसरे चरण 20
चौथा चरण 17
बाक्स
किस चरण में कहां मतदान
पहला चरण- गाजियाबाद, सहारनपुर, रामपुर, बरेली, हाथरस, आगरा, कानपुर नगर, झांसी, महोबा, प्रयागराज, रायबरेली, हरदोई, अयोध्या, श्रावस्ती, संतकबीरनगर, गोरखपुर, जौनपुर और भदोही।
दूसरा चरण- लखनऊ, मुजफ्फरनगर, बागपत, नोएडा, बिजनौर, अमरोहा, बदायूं, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, इटावा, ललितपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, लखीमपुर खीरी, सुल्तानपुर, गोंडा, महाराजगंज, वाराणसी और आजमगढ़।
तीसरा चरण- शामली, मेरठ, मुरादाबाद, पीलीभीत, कासगंज, फिरोजाबाद, औरैया कानपुर देहात, जालौन, हमीरपुर, फतेहपुर, उन्नाव, अमेठी, बाराबंकी, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, चंदौली, मिर्जापुर और बलिया।
चौथा चरण- बुलंदशहर, हापुड़, संभल, शाहजहांपुर, अलीगढ़, मथुरा, फर्रूखाबाद, बांदा, कौशांबी, सीतापुर, अंबेडकरनगर, बहराइच, बस्ती, कुशीनगर, गाजीपुर, सोनभद्र और मऊ।
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इसे भी जानें
ग्राम पंचायतों की संख्या - 58189
ग्राम पंचायतों के वार्डो की संख्या - 7,32,563
क्षेत्र पंचायतों की संख्या - 826
क्षेत्र पंचायतों के वार्डो की संख्या - 75,855
जिला पंचायतों की संख्या - 75
जिला पंचायतों के पदों की संख्या - 3,051
मतदान केंद्रों की संख्या - 80,762
मतदान स्थलों की संख्या - 2,03,050
मतदाताओं की संख्या - 12.39 करोड़
पुरुष मतदाता - 53.01 प्रतिशत
महिला मतदाता - 46.99 प्रतिशत
हाईलाइटर
यहां नहीं होगा चुनाव
- गोंडा के 10 गांवों में नहीं होगा अभी चुनाव
- सीतापुर के तीन गांवों में नहीं होगा चुनाव
- बहराइच के एक गांव में नहीं होगा चुनाव
क्यों नहीं होंगे चुनाव
2005 में 10 ग्राम पंचायतों में बाकी उम्मीदवारों के पर्चे खारिज होने के कारण निर्विरोध निर्वाचन हुआ था। अन्य दावेदारों ने उच्च न्यायालय में इस चुनौती दी थी। इस पर कोर्ट ने नतीजा घोषित करने पर रोक लगाई और अदालत की सुनवाई में दो वर्ष बीत गए। अन्य में कोर्ट ने निर्विरोध निर्वाचन को वैध मान लिया। ग्राम प्रधान का कार्यकाल शपथ के दिन से पांच साल के लिए होता है। ऐसे में इन जगहों के प्रधानों का कार्यकाल अभी दो वर्ष बाद समाप्त माना जाएगा। हालांकि इन ग्राम पंचायतों में बीडीसी का चुनाव कराया जाएगा।