- अमेरिकन एक्सेंट में इंग्लिश बोलने वाले 10 यूथ को नौकरी पर रखा था ठगी करने वाले गिरोह ने
- कर्मचारी को नहीं थी अमेरिकी नागरिकों से ठगी की जानकारी, सभी कर्मचारियों के बयान दर्ज कर छोड़ा
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kanpur : अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले गिरोह का मास्टमाइंड मोहिंद्र शर्मा पूरा खेल कॉल सेंटर के जरिए करता था। कॉल सेंटर में काम करने के लिए उसने अमेरिकन एक्सेंट में इंग्लिश बोलने वाले यूथ को मोटी सैलरी पर हायर किया था। लेकिन, इन्हें मोहिंद्र के ठगी के खेल के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। पुलिस ने मामले के खुलासे के बाद जब कर्मचारियों से इस बाबात पूछताछ की तो उन्हें जालसाजी के बारे में पता चला। पुलिस ने फिलहाल सभी के बयान और आईडी लेकर कर्मचारियों छोड़ दिया है। किसी भी कर्मचारी का सीधे तौर पर धोखाधड़ी के धंधे से लिंक नहीं निकला।
पहले दिल्ली में लगाया सेटअप
मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी जसराज और मोहिन्द्र ने सबसे पहले दिल्ली में कॉल सेंटर का सेटअप तैयार किया। कमाई होने लगी तो एक ब्रांच कानपुर के काकादेव में खोली गई। कॉल सेंटर तैयार होने के बाद अमेरिकन इंग्लिश जानने वाले युवाओं की तलाश शुरू हुई। दिल्ली केकॉल सेंटर से भी दो युवकों को काकादेव सेंटर भेजा गया। यहां इंटरव्यू करने के साथ ही आठ और कर्मचारियों की भर्ती की गई। इंग्लिश बोलने वाले हर कर्मचारी को 1.20 लाख रुपए महीने सैलरी दी जाती थी।
मोटी सैलरी के जाल में फंसे
कर्मचारियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि कोरोना संकटकाल में मोटी सैलरी पर नौकरी मिलने पर तुंरत ज्वाइन कर लिया। विदेशियों से अमेरिकन इंग्लिश में बात कर कम्प्यूटर ठीक कराने की सर्विसेस से संबंधित सूचनाएं दी जाती थीं। इसके पीछे ठगी का खेल चल रहा था, इस बात की जानकारी नहीं थी।
फर्जी वेबसाइट बनाने वालों की तलाश
फर्जी वेबसाइट और पॉपअप मैसेज तैयार करने वाले जसराज के तीन साथियों की तलाश तेज कर दी गई है। क्राइम ब्रांच का मानना है कि इन तीनों ने ठगी के लिए अलग-अलग नाम से एक दर्जन से अधिक फर्जी वेबसाइट बनाई और उन्हें अमेरिकी नागरिकों के कम्प्यूटर पर भेजा। दिल्ली और नोएडा पुलिस से भी मदद मांगी है।