कानपुर (ब्यूरो) दिवाली की तैयारियों में जुटे परिवार को इस मौत की खबर भेजी गई। पूरे परिवार की दिवाली काली हो गई। चूंकि बॉडी हैलट हॉस्पिटल में पहुंच चुकी थी। एसपी आउटर हैलट अस्पताल आ गए। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच करवा रहे हैं। परिवार का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से मौत हुई है। पोस्टमॉर्टम में अगर ऐसे साक्ष्य मिलते हैं, तो आरोपी पुलिस वालों पर एक्शन होगा। इसी बीच परिवार के लोग बिधनू थाने पहुंचे। गांव के लोगों ने थाने का घेराव किया। पुलिस ने समझाने का प्रयास किया, तो पुलिस से झड़प भी हुई।

दोनों के बीच जमीन का विवाद था
रमईपुर के रहने वाले 48 साल के राजेंद्र कुमार भ_े में ट्रैक्टर ड्राइवर थे। उनकी रविवार रात पड़ोस में रहने वाले छोटे भाई बबलू से मारपीट हो गई थी। मारपीट की वजह घर से निकलने वाला गंदा पानी था। दोनों के बीच जमीन का विवाद था। लेकिन दिवाली से पहले बबलू के घर के सामने राजेंद्र ने ईट लगवा दी थीं। घर के सामने ईट लगने से उसको आने-जाने में परेशानी हो रही थी। झगड़ा बढऩे के बाद रविवार रात करीब 10.39 बजे पुलिस कंट्रोल रूम की सूचना दी गई। 10 मिनट में पुलिस पहुंच गई थी।

पीआरवी कर्मी ले गए थे थाने
पीआरवी पुलिस ने दरवाजे गाली-गलौज कर रहे राजेंद्र को हिरासत में लेकर बिधनू थाने ले गई थी। रात में करीब 12.30 बजे पुलिस राजेंद्र को लेकर बिधनू सीएचसी पहुंची थी। डॉक्टर को बताया गया कि हवालात में उनकी तबीयत बिगड़ गई।

अस्पताल में परिजनों ने किया हंगामा
12:45 बजे रात में बिधनू सीएचसी से हैलट रेफर किया गया। रात 2 बजे हैलट में जांच के बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित किया। राजेंद्र की मौत के बाद पुलिस ने परिजनों को मामले की जानकारी दी। अस्पताल पहुंचे परिजनों ने पुलिस पर बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। पत्नी सुनीता का आरोप है कि पुलिस निर्दोष पति को थाने ले गई। बार-बार दिवाली की दुहाई देते हुए छोडऩे की बात कही, लेकिन पुलिस का दिल नहीं पसीजा। घर के बाहर से लाठियां मारते हुए थाने तक ले गए और इतना पीटा की उनकी हवालात में मौत हो गई।

नहीं दी परिजनों को जानकारी
पुलिस ने हालत बिगडऩे पर परिजनों को कोई सूचना नहीं दी। बल्कि शव मौके से हटवा दिया। थाना प्रभारी योगेश कुमार ने बताया कि दो भाइयों के बीच मारपीट हुई थी। पुलिस ने राजेंद्र की पिटाई नहीं की। तबियत बिगडऩे पर उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पुलिस हिरासत में मौत, भाई पर केस
बिधनू पुलिस हिरासत में मौत के मामले में पुलिस ने खुद को बचाने के लिए मृतक राजेंद्र के भाई बबलू के खिलाफ ही हत्या की एफआईआर दर्ज की है। मृतक की पत्नी सुनीता ने आरोप लगाया है कि उसने कोई तहरीर नहीं दी है। बिधनू पुलिस ने खुद ही तहरीर लिखकर उनसे जबरन अंगूठा लगवा लिया है। मामले में बिधनू थानेदार और पीआरवी में तैनात पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

पुलिस ने उजाड़ दिया परिवार
मृतक राजेंद्र के परिवार में पत्नी सुनीता के साथ ही सात बच्चे हैं। अनीता, काजल, गोलू, सोनम, निशा, रजत और राज सात बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी 24 साल की और सबसे छोटा बेटा 2 साल का है। राजेंद्र की मौत के बाद से पत्नी समेत सात बच्चे अनाथ हो गए।

झगड़े के बाद पीआरवी एक व्यक्ति को लेकर आई थी। थाने में हालत बिगडऩे पर उसे अस्पताल मेें भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई, पुलिस कस्टडी में मौत होने की बात गलत है, जांच की जा रही है।
तेज स्वरूप सिंह, एसपी आउटर